Newzfatafatlogo

जैसलमेर में स्कूल हादसे से फिर एक मासूम की मौत, भाजपा सरकार पर उठे सवाल

जैसलमेर में एक सरकारी स्कूल के गेट की छत गिरने से एक छह साल का बच्चा, अर्बाज खान, अपनी जान गंवा बैठा। यह घटना झालावाड़ में हुए हादसे के एक सप्ताह बाद हुई है, जिससे भाजपा सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है। परिजनों ने भी धरना प्रदर्शन कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
 | 
जैसलमेर में स्कूल हादसे से फिर एक मासूम की मौत, भाजपा सरकार पर उठे सवाल

जैसलमेर में स्कूल के गेट का हादसा


जयपुर। हाल ही में झालावाड़ में हुए हादसे को एक सप्ताह भी नहीं हुआ था कि जैसलमेर में एक और दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां एक सरकारी स्कूल के मुख्य गेट की छत गिरने से एक छह साल का बच्चा अपनी जान गंवा बैठा। केंद्र की भाजपा सरकार केवल सुरक्षा के लिए आडिट करने का आदेश दे रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।


झालावाड़ में पहले ही एक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की जान जा चुकी है। अब जैसलमेर का यह हादसा राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार की नाकामी को उजागर कर रहा है। यह घटना रामगढ़ क्षेत्र में सोमवार को हुई, जहां मृतक बच्चे की पहचान अर्बाज खान के रूप में हुई है। एक शिक्षक, अशोक कुमार सोनी, भी घायल हुए हैं और उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


जैसलमेर में स्कूल हादसे से फिर एक मासूम की मौत, भाजपा सरकार पर उठे सवाल


जैसलमेर के एसपी अभिषेक शिवहरे ने इस घटना की पुष्टि की है और बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस हादसे के बाद बच्चे के परिजन गहरे सदमे में हैं और उन्होंने स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन किया। परिवार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और परिजनों से बातचीत कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है।


राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए राज्य सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में ऐसी घटनाएं चिंताजनक हैं और सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि बच्चों की जान बचाई जा सके। गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जैसलमेर में स्कूल के गेट गिरने से बच्चे की मौत अत्यंत दुखद है। यह झालावाड़ के बाद दूसरी घटना है, और सरकार को जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।