जोगिंदर नरवाल: कबड्डी के सफल कोच और पूर्व चैंपियन कप्तान

जोगिंदर नरवाल का कबड्डी सफर
नई दिल्ली: जोगिंदर नरवाल ने कबड्डी में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन और शांत स्वभाव के कारण एक विशेष पहचान बनाई है। प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में खिताब जीतने वाले इस पूर्व कप्तान ने अब एक सफल कोच के रूप में अपनी पहचान बनाई है। वर्तमान में, वह दबंग दिल्ली केसी के कोच के रूप में कार्यरत हैं। 20 अप्रैल 1982 को हरियाणा के सोनीपत जिले के रिनधाना गांव में जन्मे जोगिंदर को बचपन से ही कबड्डी का माहौल मिला, जहां इस खेल को बड़े उत्साह से खेला जाता है।
जोगिंदर के बड़े भाई 1994 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने बताया कि अपने भाई को देखकर ही उन्होंने कबड्डी खेलना शुरू किया। शुरुआत में, उन्होंने ग्रामीण स्तर पर छोटे-छोटे टूर्नामेंट में भाग लिया। आज भी उनके गांव में कबड्डी मिट्टी पर खेली जाती है, और जोगिंदर ने भी यहीं से अपने करियर की शुरुआत की। इन प्रतियोगिताओं में टीमों को कभी 11,000 तो कभी 21,000 रुपये का पुरस्कार मिलता था, जो खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन का काम करता था।
जोगिंदर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी खेली। उन्हें पहले हरियाणा पुलिस में नौकरी मिली, फिर रेलवे और ओएनजीसी में भी अवसर मिले। उन्होंने लगभग 27-28 वर्षों तक कबड्डी खेली और 17 से अधिक बार राष्ट्रीय स्तर पर खेला, साथ ही चार बार भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। इस दौरान उन्होंने गोल्ड मेडल भी जीते।
जब जोगिंदर ने खेलना शुरू किया, तो उनका सपना केवल अच्छा खेलना और नौकरी पाना था। वह एक बेहतरीन डिफेंडर रहे और प्रो कबड्डी लीग में भी अपनी छाप छोड़ी। बतौर कप्तान, उन्होंने सीजन 8 में दबंग दिल्ली को ट्रॉफी दिलाई और अब कोच के रूप में टीम को आगे बढ़ा रहे हैं।
जोगिंदर का मानना है कि प्रो कबड्डी लीग ने देश में कबड्डी को एक नई पहचान दी है। अब हर बच्चा इस खेल से परिचित है। पीकेएल ने खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का अवसर दिया है।
मैच से पहले खिलाड़ियों की फिटनेस बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि पीकेएल में हर 2-3 दिन में मैच होते हैं। दबंग दिल्ली के पास बेहतरीन ट्रेनर्स और मेडिकल सपोर्ट है। कोच के रूप में, जोगिंदर खिलाड़ियों को चोट से बचाने और सही रणनीति बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वह मानते हैं कि कबड्डी में चोट लगना सामान्य है, इसलिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहना आवश्यक है।
जोगिंदर के अनुसार, सफल कबड्डी खिलाड़ी बनने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। खिलाड़ियों को अच्छे कोच के साथ अभ्यास करना चाहिए और राष्ट्रीय टीम या बड़े टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए। यदि खिलाड़ी का प्रदर्शन और अनुशासन अच्छा है, तो उन्हें पीकेएल जैसी लीग में आगे बढ़ने का अवसर अवश्य मिलेगा।