झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग

शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार और भारत रत्न की मांग
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संरक्षक शिबू सोरेन, जिन्हें दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है, का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नेमरा, रामगढ़ में किया जाएगा। मंगलवार सुबह से रांची में राजनीतिक हस्तियों और आम लोगों का उनके अंतिम दर्शन के लिए आना जारी है। इस बीच, झारखंड सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने की मांग उठाई है।
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति और आपदा प्रबंधन मंत्री इरफान अंसारी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का अनुरोध किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह इस विशेष सम्मान के सही हकदार हैं। डॉ. अंसारी ने मंगलवार को कहा, “झारखंड आंदोलन के महानायक, दिशुम गुरु आदरणीय शिबू सोरेन जी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाए।”
डॉ. अंसारी ने आगे कहा कि शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक आंदोलनकारी और करोड़ों आदिवासियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले नेता रहे हैं। उनका जीवन जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने आदिवासी समुदाय को संगठित कर उनके अधिकारों की रक्षा की और झारखंड राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन के स्तंभ गुरुजी ने वर्षों तक संघर्ष कर झारखंड राज्य की मांग को एक राष्ट्रीय मुद्दा बनाया और अलग राज्य की नींव रखी। उन्होंने आदिवासियों के संसाधनों पर अधिकारों के लिए संघर्ष किया और जल-जंगल-जमीन की रक्षा को अपने जीवन का मिशन बनाया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक के रूप में उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता और स्वाभिमान की राजनीति को दिशा दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत रत्न केवल एक सम्मान नहीं है, बल्कि यह उस विरासत का मूल्यांकन है जिसने देश के एक बड़े हिस्से को उसकी पहचान और अधिकार दिलाए। दिशुम गुरु का जीवन और संघर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है, और उनका सम्मान पूरे झारखंड के सम्मान से जुड़ा है। गुरुजी को भारत रत्न देना न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।