Newzfatafatlogo

झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग फिर से उठाई गई

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने केंद्र सरकार से झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य की सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए यह मांग उचित है। उन्होंने झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की कमी का जिक्र किया। भट्टाचार्य ने यह भी बताया कि राज्य के लोग रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं और पूर्वोत्तर राज्यों जैसी सुविधाओं की मांग की।
 | 
झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग फिर से उठाई गई

झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा: झामुमो की मांग

झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने केंद्र सरकार से एक बार फिर झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा देने की जोरदार मांग की है। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक समस्याओं को देखते हुए यह मांग पूरी तरह से उचित है।


भट्टाचार्य ने 16वें वित्त आयोग से अनुरोध किया कि वह झारखंड की वास्तविक स्थिति का गहन मूल्यांकन करे। उन्होंने कहा, 'झारखंड प्राकृतिक संसाधनों, विशेषकर यूरेनियम और अन्य खनिजों का प्रमुख उत्पादक है, लेकिन इसके बावजूद यहां की जनता स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही है।'


प्राकृतिक संसाधनों का बलिदान, फिर भी उपेक्षा

झारखंड ने अपने संसाधनों को देश के विकास में समर्पित किया है, लेकिन इसके बदले में राज्य को अपेक्षित सम्मान और सहायता नहीं मिली। भट्टाचार्य ने कहा, 'खनिज उत्पादन में अग्रणी होने के बावजूद झारखंड के लोग मलेरिया और टीबी जैसी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। यह राज्य विशेष दर्जे का हकदार है।'


विस्थापन और पलायन का दर्द

झामुमो नेता ने यह भी कहा कि झारखंड के लोग रोजगार की तलाश में देश के विभिन्न हिस्सों में पलायन करते हैं और लेह-लद्दाख जैसे कठिन इलाकों में जाकर भी राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं। उन्होंने इसे राज्य के साथ हो रहे अन्याय के रूप में वर्णित किया।


पूर्वोत्तर जैसी सुविधाएं देने की मांग

भट्टाचार्य ने कहा, 'झारखंड की भौगोलिक स्थिति और सामाजिक चुनौतियां पूर्वोत्तर राज्यों जैसी हैं, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन जैसी सुविधाओं की कमी है। ऐसे में हमें भी केंद्रीय योजनाओं में 75% केंद्रांश मिलना चाहिए।' उन्होंने रेलवे विभाग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यहां पुराने और अनुपयोगी रैक भेजे जाते हैं, जिससे राज्य की उपेक्षा स्पष्ट होती है।


झामुमो ने केंद्र से अपील की है कि झारखंड को उसका हक दिया जाए और इसे विशेष राज्य का दर्जा प्रदान किया जाए, ताकि यहां के लोगों को भी मूलभूत सुविधाएं और विकास का समान अवसर मिल सके।