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झारखंड में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: 10 नक्सलियों ने किया सरेंडर

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत, 25 सितंबर को 10 नक्सलियों ने चाईबासा में आत्मसमर्पण किया। यह कदम माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करेगा। झारखंड सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक आकर्षक पुनर्वास नीति बनाई है, जिसके तहत पिछले तीन वर्षों में कई नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। जानें इस नीति और नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियानों के बारे में।
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झारखंड में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: 10 नक्सलियों ने किया सरेंडर

नक्सली आत्मसमर्पण की घटना

Naxali Surrender Jharkhand: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है, जिसमें नक्सली गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, 25 सितंबर को, भाकपा (माओवादी) से जुड़े 10 नक्सलियों ने चाईबासा में आत्मसमर्पण किया। यह आत्मसमर्पण झारखंड, विशेषकर पश्चिमी सिंहभूम और चाईबासा में माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में सहायक होगा।


आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एरिया कमेटी के सदस्य रांडो बोईपाई उर्फ ​​कांति बोईपाई, दस्ते के सदस्य गरदी कोड़ा, जॉन उर्फ ​​जोहान पूर्ति, निरसो सिद्धू, घोनोर देवगम, गोमेया कोड़ा उर्फ ​​टार्जन, कैरा कोड़ा, कारी कैम उर्फ ​​गुलांची और प्रदीप सिंह मुंडा शामिल हैं। इसके अलावा, सावित्री गोप उर्फ ​​मुटुरी नाम की एक 18 वर्षीय महिला भी आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल है। अन्य सभी सदस्य 20 से 22 वर्ष के बीच के हैं।


सरकार की पुनर्वास नीति

सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति


झारखंड सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक आकर्षक आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति बनाई है, जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस नीति के तहत, पिछले तीन वर्षों में पश्चिमी सिंहभूम और चाईबासा जिलों में कुल 26 नक्सली मुख्यधारा में शामिल हुए हैं।


नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई

तीन वर्षों में 10 नक्सली मारे गए


2022 से अब तक, पश्चिमी सिंहभूम और चाईबासा जिलों में कुल 9631 ऑपरेशन किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों में 175 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। मुठभेड़ों में 10 नक्सली भी मारे गए हैं। इसके अलावा, भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री भी जब्त की गई है।