झारखंड में बारिश का दोहरा असर: किसानों के लिए राहत और सुरक्षा का खतरा
झारखंड में मौसम की चुनौतियाँ
झारखंड के आसमान में इन दिनों बादलों की गड़गड़ाहट केवल बारिश का संकेत नहीं दे रही, बल्कि यह एक गंभीर चुनौती का संकेत भी है। भारी वर्षा और वज्रपात का खतरा लोगों की सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है, जबकि खेतों में हरियाली की उम्मीदें भी इसी बारिश पर निर्भर हैं। यह मौसम का दोहरा चेहरा आम जनता और किसानों दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पूर्वी झारखंड और मध्यवर्ती क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में मौसम की स्थिति काफी गंभीर रहने की संभावना है। रांची मौसम विज्ञान केंद्र ने पूर्वी और दक्षिणी जिलों में 28 और 29 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी दी है। सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम, साहिबगंज, दुमका और गोड्डा जैसे जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है।
इसके अतिरिक्त, रांची, हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह, देवघर, जामताड़ा, पाकुड़ और रामगढ़ समेत कुल 13 जिलों में तेज हवाओं (30 से 40 किमी/घंटा) के साथ बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे खुले मैदानों, ऊंचे पेड़ों या बिजली के खंभों के पास न जाएं।
किसानों के लिए राहत: धान की रोपाई में तेजी
जहां एक ओर मौसम का खतरा है, वहीं किसानों के लिए यह समय राहत का भी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार मानसून अपेक्षा से अधिक सक्रिय रहा है और जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इसका सीधा असर खेतों पर पड़ा है—धान की रोपाई में तेजी आई है और अन्य खरीफ फसलों की बुआई भी सुचारू रूप से हो रही है।
खेतों में पर्याप्त नमी होने से सिंचाई की चिंता कुछ हद तक कम हुई है। हालांकि, लगातार बारिश से जलभराव और खेतों में नुकसान की आशंका भी बनी हुई है, इसलिए कृषि विभाग किसानों को जलनिकासी की व्यवस्था करने और खेतों की निगरानी बनाए रखने की सलाह दे रहा है।