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झारखंड में महिला समूहों की भूमिका: स्वास्थ्य और समृद्धि की दिशा में कदम

झारखंड के रांची में आयोजित एक कार्यशाला में महिला समूहों की भूमिका पर चर्चा की गई। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बना रही है। कार्यशाला में 36,000 महिलाओं को ब्याज मुक्त लोन देने की जानकारी भी साझा की गई। इसके अलावा, 14 जिलों के जमीनी प्रयासों का अवलोकन किया गया। जानें इस कार्यशाला के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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झारखंड में महिला समूहों की भूमिका: स्वास्थ्य और समृद्धि की दिशा में कदम

महिला समूहों की सहभागिता पर कार्यशाला

झारखंड समाचार: बुधवार को रांची में ग्रामीण विकास मंत्रालय और झारखंड स्टेट लाइवलीहुड सोसाइटी (JSLPS) द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य विषय संगठन, स्वास्थ्य, समृद्धि, खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता पर महिला समूहों की भागीदारी रहा। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं का स्वास्थ्य न केवल एक सामाजिक संकेतक है, बल्कि यह देश के आर्थिक विकास का भी प्रतिबिंब है। झारखंड सरकार मंईयां सम्मान योजना और सर्वजन पेंशन योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठा रही है। सेतु दीदियां और सखी मंडल की महिलाएं अब न केवल स्वयं जागरूक हो रही हैं, बल्कि अपने समुदाय को भी संगठित और सशक्त बना रही हैं। यह बदलाव अब गांव-गांव तक पहुंच रहा है, जो झारखंड की असली ताकत है।


समन्वय बनाने के निर्देश

पांडेय सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता के विषय आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं, और इन पर प्रभावी कार्य तभी संभव है जब संबंधित विभाग आपस में समन्वय बनाकर काम करें। झारखंड में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका से स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ऊर्जा और आजीविका के क्षेत्र में नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है। महिलाएं अब ग्राम विकास की धुरी बन गई हैं। उनका पोषण और स्वास्थ्य बेहतर होगा तभी समाज सशक्त होगा। हमारा संकल्प है कि हर गांव स्वस्थ, हर महिला सक्षम और हर घर समृद्ध हो।


ब्याज मुक्त लोन का वितरण

कार्यशाला में श्रीनिवासन ने बताया कि फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत अब तक 36,000 महिलाओं को ब्याज मुक्त लोन प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जोहार परियोजना का दूसरा चरण जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिस पर कार्य प्रगति पर है। यह कार्यशाला केवल चर्चा का मंच नहीं है, बल्कि एक प्रेरणादायक कार्य योजना का प्रारूप है जिसे हम धरातल पर लागू करने का प्रयास करेंगे। छोटे-छोटे प्रयास ही बड़े सामाजिक बदलावों की नींव रखते हैं।


14 जिलों का अवलोकन

मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्मृति शरण ने कहा कि कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान 14 जिलों के जमीनी प्रयासों का अवलोकन किया और महत्वपूर्ण सीख ली। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष रूरल प्रॉस्पेरिटी एंड रेजिलिएंस प्रोग्राम की शुरुआत होने जा रही है, जिसमें एफएनएच एक महत्वपूर्ण घटक होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यों में ‘इमर्सिबल साइट्स’ विकसित की जाएं, संसाधनों और मॉडलों को और अधिक सशक्त किया जाए और कार्यों की ग्रेडिंग प्रणाली पर भी गंभीरता से कार्य किया जाए।