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टी. सी. सेबास्टियन की सड़क दुर्घटना: 15 साल बाद मिला मुआवजा, लेकिन न्याय से पहले ही चले गए

टी. सी. सेबास्टियन, केरल के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, को 15 साल पुरानी सड़क दुर्घटना में मुआवजा मिला, लेकिन वे निर्णय सुनने से पहले ही निधन हो गए। यह मामला भारतीय न्याय प्रणाली की धीमी गति को उजागर करता है, जहां एक व्यक्ति ने न्याय के लिए 15 साल तक संघर्ष किया। जानें इस दर्दनाक कहानी के बारे में और कैसे सेबास्टियन ने अपनी लड़ाई लड़ी।
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टी. सी. सेबास्टियन की सड़क दुर्घटना: 15 साल बाद मिला मुआवजा, लेकिन न्याय से पहले ही चले गए

टी. सी. सेबास्टियन दुर्घटना मामला

टी. सी. सेबास्टियन दुर्घटना मामला: केरल के पूर्व कांग्रेसी नेता टी. सी. सेबास्टियन को 15 साल पुरानी सड़क दुर्घटना के लिए मुआवजा तो मिल गया, लेकिन निर्णय से केवल 5 दिन पहले उनका निधन हो गया। यह दुखद संयोग सोमवार को तब सामने आया जब पैयन्नूर सब कोर्ट ने 10 लाख रुपये का मुआवजा स्वीकृत किया, लेकिन सेबास्टियन अब इस न्याय को देखने के लिए जीवित नहीं थे।


दुर्घटना का विवरण

दुर्घटना का विवरण

23 मई 2010 की शाम लगभग 7 बजे, 67 वर्षीय सेबास्टियन NSS स्कूल, आलाकोड के पास फुटपाथ पर चल रहे थे। तभी उनका पैर फुटपाथ स्लैब्स के बीच एक मीटर चौड़े गैप में फिसल गया, जहां न तो कोई बैरिकेड था और न ही चेतावनी चिन्ह। इस घटना में उन्हें गंभीर स्पाइनल इंजरी का सामना करना पड़ा।


कानूनी लड़ाई का सफर

कानूनी लड़ाई का सफर

दुर्घटना के बाद, सेबास्टियन ने पहले तालिपाराम्बा कोर्ट में मामला दायर किया। 2013 में वहां से एक निर्णय आया, जिसे चुनौती दी गई और मामला अंततः पैयन्नूर सब कोर्ट तक पहुंचा। अदालत ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि राज्य सरकार और PWD की यह जिम्मेदारी थी कि वे जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करें, जिसमें वे असफल रहे।


फैसला आया, लेकिन सेबास्टियन का निधन

फैसला आया, लेकिन सेबास्टियन का निधन

यह निर्णय तब आया जब सेबास्टियन का निधन अमेरिका में हार्ट अटैक से हो चुका था। केवल 5 दिन पहले, कोर्ट में उनका पक्ष सीनियर एडवोकेट साजी जकारियस ने रखा था। अदालत ने मृतक के परिवार को मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया।


न्याय प्रणाली पर सवाल

न्याय प्रणाली पर सवाल

इस मामले ने एक बार फिर भारतीय न्याय प्रणाली की धीमी गति पर सवाल उठाए हैं। एक ऐसा व्यक्ति जिसने 15 साल तक न्याय के लिए संघर्ष किया, उसे निर्णय सुनने का मौका नहीं मिला। दुर्घटना के बाद से, सेबास्टियन ने राजनीति से दूरी बना ली थी और स्वास्थ्य सुधार की कोशिशों में लगे रहे।