टोहाना चिटफंड घोटाला: 60 करोड़ रुपये की ठगी, चार आरोपी गिरफ्तार

टोहाना चिटफंड धोखाधड़ी का मामला
टोहाना चिटफंड घोटाला: 60 करोड़ रुपये की ठगी, चार आरोपी गिरफ्तार: हरियाणा के टोहाना में चिटफंड धोखाधड़ी ने सैकड़ों लोगों को प्रभावित किया है। तीन साल पहले शुरू हुआ यह 60 करोड़ रुपये का घोटाला अब फिर से सुर्खियों में है। टोहाना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इन चार में से दो को जमानत मिल गई है, जबकि कर्मवीर पुनिया और जयदीप उर्फ नीटू को हिसार जेल भेजा गया है। यह कार्रवाई पीड़ितों की शिकायतों और एसपी सिद्धांत जैन के दौरे के बाद की गई। यह मामला लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि चिटफंड योजनाओं में सावधानी बरतनी चाहिए। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी।
60 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा
टोहाना चिटफंड घोटाले का खुलासा: तीन साल पहले टोहाना के सैकड़ों निवासियों ने कर्मवीर पुनिया और उनके परिवार के खिलाफ चिटफंड कंपनी के माध्यम से धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपियों ने लॉटरी का लालच देकर 60 करोड़ रुपये की ठगी की। पीड़ितों का कहना है कि उनकी जीवनभर की कमाई इस घोटाले में चली गई।
यह मामला काफी समय तक ठंडा पड़ा रहा। हाल ही में एसपी सिद्धांत जैन के दौरे के दौरान पीड़ितों ने फिर से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिससे पीड़ितों में न्याय की उम्मीद जगी है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस की कार्रवाई: आर्थिक अपराध शाखा के सब इंस्पेक्टर इंद्र सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता साहिल के बयान पर पुनिया के खिलाफ चिटफंड का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने पहले सुरेंद्र कुमार और कृष्ण को गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई। फिर कर्मवीर और नीटू को दो दिन के रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान उनकी संपत्ति का विवरण एकत्र किया गया।
रविवार को दोनों को कोर्ट में पेश कर हिसार जेल भेज दिया गया। पुलिस अब बाकी दो आरोपियों की तलाश कर रही है। यह कार्रवाई पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है।
पीड़ितों की उम्मीद और सावधानी की आवश्यकता
पीड़ितों की उम्मीद: टोहाना चिटफंड धोखाधड़ी ने लोगों को वित्तीय योजनाओं में सतर्क रहने की सीख दी है। पीड़ित साहिल, मन्नू सिंगला और अन्य ने एसपी की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। उनका कहना है कि तीन साल बाद न्याय की उम्मीद जगी है।
वे मांग कर रहे हैं कि आरोपियों की संपत्ति अटैच कर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए। यह घटना समाज को चेतावनी देती है कि आकर्षक योजनाओं के चक्कर में पड़ने से पहले पूरी जांच जरूरी है।