ट्रंप का ईरान-इज़रायल समझौते पर बयान: शांति की आवश्यकता

ट्रंप का मध्यस्थता पर जोर
रविवार को, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान और इज़रायल को एक समझौते पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनकी मध्यस्थता से कई देशों में शांति स्थापित हुई है, लेकिन उन्हें कभी श्रेय नहीं मिलता। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले महीने व्यापार के दबाव के चलते युद्धविराम समझौता हुआ। हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह समझौता दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) की सीधी बातचीत से हुआ।
श्रेय की कमी पर ट्रंप की टिप्पणी
ट्रंप ने सर्बिया-कोसोवो और मिस्र-इथियोपिया जैसे देशों के बीच शांति स्थापना में अपनी भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "ईरान और इज़रायल को समझौता करना चाहिए, और वे ऐसा करेंगे, जैसे मैंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार के माध्यम से समझौता करने के लिए प्रेरित किया। दोनों नेताओं ने जल्दी निर्णय लिया और रुक गए!" ट्रंप ने आगे कहा, "मेरे पहले कार्यकाल में, सर्बिया और कोसोवो के बीच दशकों पुराना संघर्ष युद्ध की ओर बढ़ रहा था, जिसे मैंने रोका। मिस्र और इथियोपिया के बीच नील नदी पर बांध को लेकर विवाद में भी मेरे हस्तक्षेप से शांति हुई। अब इज़रायल और ईरान के बीच भी जल्द शांति होगी! कई कॉल और बैठकें हो रही हैं। मैं बहुत कुछ करता हूं, लेकिन मुझे कभी श्रेय नहीं मिलता, फिर भी लोग समझते हैं। मध्य पूर्व को फिर से महान बनाएं!"
इज़रायल-ईरान के बीच बढ़ता तनाव
शुक्रवार को, इज़रायल ने 'राइजिंग लायन' अभियान के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसके जवाब में दोनों देशों ने मिसाइल और ड्रोन हमले किए। ट्रंप का यह बयान क्षेत्रीय तनाव के बीच आया है।