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ट्रंप का दावा: भारत-पाक संघर्ष में शांति उनकी चेतावनी का परिणाम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुई शांति को अपनी सख्त चेतावनी का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि यदि दोनों देश आपसी संघर्ष जारी रखते, तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेगा। ट्रंप ने मियामी में एक फोरम में इस मुद्दे पर चर्चा की और बताया कि उन्होंने दोनों देशों को परमाणु शक्ति संपन्न देशों के रूप में चेतावनी दी थी। भारत ने इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका से इनकार किया है। जानें इस पर और क्या कहा गया।
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ट्रंप का दावा: भारत-पाक संघर्ष में शांति उनकी चेतावनी का परिणाम

ट्रंप का बयान

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुई शांति उनकी सख्त चेतावनी का नतीजा थी। ट्रंप के अनुसार, उन्होंने दोनों देशों को स्पष्ट रूप से बताया था कि यदि वे आपसी संघर्ष जारी रखते हैं, तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेगा।


व्यापार समझौते की बात

मियामी में आयोजित ‘अमेरिका बिजनेस फोरम’ में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, “मैं दोनों देशों के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहा था। तभी मैंने समाचारों में देखा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया है। सात विमान गिराए जा चुके थे, और आठवां भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त था। कुल मिलाकर आठ विमानों को मार गिराया गया। तब मैंने कहा — अगर तुम लोग युद्ध कर रहे हो, तो मैं तुमसे व्यापार नहीं करूंगा।”


परमाणु शक्ति संपन्न देशों की चेतावनी

ट्रंप ने आगे कहा, “मैंने दोनों से कहा कि तुम दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हो, यदि तुम युद्ध जारी रखते हो तो अमेरिका किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। अगले दिन मुझे फोन आया कि दोनों देशों ने शांति स्थापित कर ली है। मैंने कहा, बहुत अच्छा — अब व्यापार की बात की जा सकती है।” उन्होंने मजाक में कहा, “देखा, यह सब टैरिफ की वजह से हुआ। अगर टैरिफ न होते, तो यह संभव नहीं होता।”


भारत का रुख

यह ध्यान देने योग्य है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 10 मई को सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि लंबी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ने पूरी तरह और तुरंत युद्धविराम पर सहमति जताई है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया था कि इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। भारत के अनुसार, दोनों देशों के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं और बाहरी मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है।


ऑपरेशन सिंदूर

सूत्रों के अनुसार, भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी। चार दिन तक चले सीमा-पार ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को दोनों देशों ने संघर्षविराम पर सहमति बनाई।