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ट्रंप का विवादास्पद बयान: भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोकने का दावा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादास्पद बयान में दावा किया है कि उनके राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका। इस बयान ने भारतीय संसद में हलचल मचा दी है, जहां विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। ट्रंप का यह बयान वैश्विक शांति के संदर्भ में आया है, और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई संघर्षों को टालने का भी दावा किया। जानें इस पर और क्या प्रतिक्रियाएं आई हैं।
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ट्रंप का विवादास्पद बयान: भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोकने का दावा

ट्रंप का बयान और भारतीय संसद में हलचल

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ स्कॉटलैंड के टर्नबेरी रिसॉर्ट में हुई मुलाकात के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने न केवल वैश्विक राजनीति में हलचल मचाई, बल्कि भारत की संसद में भी चर्चा का विषय बन गया। ट्रंप ने कहा कि उनके राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने दुनिया के छह संभावित युद्धों को टाला, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच का युद्ध भी शामिल था। इस बयान के बाद, भारत में विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए।


ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि वह राष्ट्रपति नहीं होते, तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो चुका होता। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने व्यापारिक दबाव डालकर दोनों देशों के बीच तनाव को कम किया और संघर्ष को टाल दिया। ट्रंप ने कहा, "अगर मैं नहीं होता, तो आज दुनिया में छह बड़े युद्ध चल रहे होते, और भारत पाकिस्तान से युद्ध कर रहा होता।" यह बयान तब आया है जब थाईलैंड और कंबोडिया ने संघर्षविराम की घोषणा की है, और ट्रंप खुद को वैश्विक शांति के संरक्षक के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।


भारतीय संसद में उठे सवाल

ट्रंप के इस बयान के बाद, भारतीय संसद में विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने सवाल उठाया कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने इतना बड़ा दावा किया, तो प्रधानमंत्री मोदी ने इसे सार्वजनिक रूप से खारिज क्यों नहीं किया। बनर्जी ने संसद में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी, आपने अपने 'X' हैंडल पर एक बार भी क्यों नहीं लिखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो कह रहे हैं, वह गलत है?"


नोबेल पुरस्कार की चाह और शांति वार्ता की राजनीति

ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के बीच शांति स्थापित की और सर्बिया-कोसोवो संघर्ष को भी रोका। उन्होंने गाजा संकट पर चिंता जताते हुए कहा कि अमेरिका ने वहां काफी वित्तीय सहायता भेजी है, जिसे हमास ने हड़प लिया। ट्रंप ने यह स्वीकार किया कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार की उम्मीद है, और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को यह पुरस्कार मिलने से उन्हें प्रेरणा मिली। पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने भी भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध रोकने का श्रेय ट्रंप को देते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया।