ट्रंप की यूएन में फजीहत: भाषण के दौरान तकनीकी समस्याएं और विरोध प्रदर्शन

ट्रंप की शर्मनाक स्थिति
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अक्सर अपनी सुपर पावर की छवि के लिए जाने जाते हैं, इस बार यूएन में एक शर्मनाक स्थिति का सामना कर रहे हैं। शांति की बात करने वाले ट्रंप को इस बार मंच पर बेइज्जती का सामना करना पड़ा। जब वे यूएन में अपने भाषण के लिए पहुंचे, तो उनके खिलाफ बाहर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। ट्रंप, जो अपने झूठे एजेंडे के तहत यूएन पहुंचे थे, को यहां काफी अपमान का सामना करना पड़ा। सबसे पहले, जब वे भाषण देने के लिए हॉल में जा रहे थे, तो एस्केलेटर अचानक बंद हो गया, जिससे उन्हें अपनी पत्नी के साथ सीढ़ियों से चढ़ना पड़ा।
भाषण के दौरान तकनीकी समस्याएं
ट्रंप की फजीहत तब और बढ़ गई जब वे भाषण देने आए और उनका टेलीप्रॉम्प्टर काम करना बंद कर दिया। इस पर ट्रंप ने मजाक में कहा कि जो इसे चला रहा है, वह मुसीबत में है। इस पर सभा में मौजूद लोग हंस पड़े। यूएन में ट्रंप की इस स्थिति का रूस ने भी मजाक उड़ाया, जहां एक रूसी डिप्लोमैट ने ट्रंप के भाषण का वीडियो बनाते हुए ठहाके लगाए। इसके अलावा, ट्रंप के भाषण के दौरान बाहर उनके नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था, जिससे उनकी स्थिति और भी खराब हो गई।
ट्रंप का लंबा भाषण
यूएन में नेताओं को आमतौर पर 15 मिनट का समय दिया जाता है, लेकिन ट्रंप ने 56 मिनट तक भाषण दिया, जो किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति का सबसे लंबा भाषण था। इस पर लोगों ने कहा कि ट्रंप का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने घटनाओं को "वास्तव में शर्मनाक" बताया। उन्होंने तीन प्रमुख घटनाओं का जिक्र किया: एस्केलेटर का रुकना, टेलीप्रॉम्प्टर का खराब होना और ऑडियो सिस्टम की समस्या।
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने बताया कि एस्केलेटर रुकने का कारण एक सुरक्षा सुविधा थी, जो किसी वस्तु या व्यक्ति के बहुत करीब आने पर मशीन को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि टेलीप्रॉम्प्टर का संचालन व्हाइट हाउस के कर्मचारियों द्वारा किया गया था, न कि यूएन के कर्मियों द्वारा।