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ट्रंप के टैरिफ से भारत-रूस संबंधों में तनाव: अमेरिका की चिंता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस के साथ संबंधों पर चिंता जताई है, यह कहते हुए कि चीन के कारण अमेरिका ने अपने महत्वपूर्ण सहयोगियों को खो दिया है। उन्होंने भारत पर उच्च टैरिफ लगाने का आरोप लगाया है, जिससे व्यापार में असंतुलन उत्पन्न हो रहा है। भारत ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया दी है, यह स्पष्ट करते हुए कि वह अपनी नीतियों से समझौता नहीं करेगा। ट्रंप के इस निर्णय की अमेरिका में भी आलोचना हो रही है। जानें, इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी और इसके वैश्विक प्रभाव।
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ट्रंप के टैरिफ से भारत-रूस संबंधों में तनाव: अमेरिका की चिंता

ट्रंप का भारत और रूस पर बयान

ट्रंप का बड़ा बयान: भारत और रूस के साथ संबंधों में गिरावट, अमेरिका को चीन की साजिशों की चिंता! अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस के साथ अपने संबंधों पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने चीन को निशाना बनाते हुए कहा कि 'अंधकारमय चीन' के कारण अमेरिका ने भारत और रूस जैसे महत्वपूर्ण सहयोगियों को खो दिया है।


ट्रंप ने कहा कि चीन के कारण अमेरिका और भारत के बीच संबंधों में खटास आई है। हाल ही में भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके अलावा, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत, चीन और रूस की एकजुटता ने ट्रंप को और भी परेशान कर दिया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी!


ट्रंप का आरोप

ट्रंप का भारत पर आरोप


ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत अमेरिका पर सबसे अधिक टैरिफ लगाता है, जिससे व्यापार में असंतुलन उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने कहा, "भारत के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं, लेकिन यह रिश्ता कई वर्षों से एकतरफा रहा है। भारत हमसे भारी टैरिफ वसूलता था, जो दुनिया में सबसे अधिक थे।"


उन्होंने आगे कहा कि भारत व्यापार तो करता है, लेकिन अमेरिकी कंपनियों को उनके बाजार में प्रवेश में कठिनाई होती है, क्योंकि भारत 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत ने अपने सामान को अमेरिका भेजकर लाभ उठाया, जबकि अमेरिकी कंपनियों को भारत में व्यापार करने में समस्याओं का सामना करना पड़ा।


भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने ट्रंप के बयान को ठुकराया


भारत ने ट्रंप के इस बयान पर संयमित प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में ट्रंप की टिप्पणी पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपनी नीतियों और राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा और किसी अन्य देश के राजनीतिक निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करता।


रूस से तेल खरीद पर टैरिफ

रूस से तेल खरीद पर टैरिफ का असर


ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ इसलिए लगाया क्योंकि भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। उनका कहना है कि इससे यूक्रेन युद्ध में रूस को आर्थिक सहायता मिल रही है। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि रूसी तेल खरीदना उसकी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए आवश्यक है।


भारत ने यह भी बताया कि कई पश्चिमी देश भी रूस से व्यापार कर रहे हैं, फिर भी केवल भारत को निशाना बनाया जा रहा है। ट्रंप के इस निर्णय की अमेरिका में भी आलोचना हो रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारत पर इतना भारी टैरिफ लगाना अमेरिका की एक बड़ी गलती है।


SCO में भारत-चीन-रूस की एकजुटता

SCO में भारत-चीन-रूस की एकजुटता


शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गर्मजोशी ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया।


इस बैठक में तीनों देशों ने आर्थिक साझेदारी, ऊर्जा सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने पर जोर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एकता वैश्विक मंच पर पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका, को चुनौती देने का संदेश देती है। ट्रंप की टैरिफ नीति ने भारत को रूस और चीन के और करीब ला दिया है।