ट्रंप प्रशासन ने DIA की ईरान रिपोर्ट को किया खारिज

ट्रंप का कड़ा जवाब
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्हाइट हाउस ने मंगलवार को अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) द्वारा जारी एक रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि हाल के अमेरिकी हवाई हमलों के बावजूद ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। यह रिपोर्ट सबसे पहले एक प्रमुख समाचार चैनल द्वारा प्रकाशित की गई थी।
रिपोर्ट का सारांश
रिपोर्ट में बताया गया है कि 22 जून को हुए हवाई हमलों में ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु स्थलों को गंभीर नुकसान पहुंचा, लेकिन ईरानी परमाणु कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए प्रभावित हुआ है। DIA का यह आकलन ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बयानों के विपरीत है, जिन्होंने कहा था कि ईरान का परमाणु ढांचा पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'फर्जी' और 'सैन्य अभियान को बदनाम करने की साजिश' बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी हमलों ने अपने लक्ष्य को पूरा किया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी इसे 'पूरी तरह गलत' करार दिया और कहा कि यह ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है।
DIA की रिपोर्ट के दावे
DIA की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अमेरिकी बंकर-बस्टर बमों ने फोर्दो के भूमिगत बंकरों के प्रवेश द्वार को नष्ट कर दिया, लेकिन अंदर की संरचना अब भी सुरक्षित है। रिपोर्ट के अनुसार, हमलों से पहले ही यूरेनियम एनरिच करने वाली सेंट्रीफ्यूज मशीनों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया था।
ट्रंप प्रशासन का दृढ़ रुख
ट्रंप प्रशासन अपने दावे पर अडिग है। उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि ईरान को 60% शुद्धता वाले यूरेनियम से 90% शुद्धता तक पहुंचने से रोकना इस मिशन की सफलता का संकेत है।
रिपोर्ट लीक पर विवाद
राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने रिपोर्ट लीक को 'देशद्रोह' करार देते हुए इसकी जांच की मांग की है। वहीं, प्रेस सचिव लेविट ने कहा, 'जब आप 14 हजार पाउंड वजनी बम सटीक निशानों पर गिराते हैं, तो नतीजा केवल एक होता है - पूरी तबाही।'