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ट्रम्प प्रशासन की नई नागरिकता नीति: पड़ोसियों की राय होगी महत्वपूर्ण

ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिकी नागरिकता की प्रक्रिया को और सख्त करने का निर्णय लिया है, जिसमें अब आवेदकों के पड़ोसियों और समुदाय के सदस्यों से जानकारी ली जाएगी। इस कदम का उद्देश्य उन व्यक्तियों की पहचान करना है जो समाज के लिए खतरा बन सकते हैं। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि यह भेदभाव और देरी को बढ़ावा देगा। जानें इस नई नीति के प्रभाव और इसके पीछे के तर्क।
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ट्रम्प प्रशासन की नई नागरिकता नीति: पड़ोसियों की राय होगी महत्वपूर्ण

नागरिकता प्रक्रिया में बदलाव

नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों की जांच में नया मोड़ आया है। ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिकी नागरिकता की प्रक्रिया को और अधिक सख्त बनाने का निर्णय लिया है। अब, नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों के चरित्र और व्यवहार का आकलन करने के लिए उनके पड़ोसियों, सहकर्मियों और समुदाय के सदस्यों से जानकारी ली जाएगी। प्रशासन का मानना है कि इससे उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद मिलेगी जो समाज के लिए खतरा बन सकते हैं या जिनकी पृष्ठभूमि संदिग्ध हो सकती है।



अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, नागरिकता आवेदन की मौजूदा प्रक्रिया में पहले से ही बैकग्राउंड चेक, आपराधिक रिकॉर्ड और आर्थिक स्थिति की जांच शामिल है। लेकिन ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है। इसलिए अब आवेदक के सामाजिक जीवन, पड़ोसियों के साथ संबंध, स्थानीय छवि और नागरिक जिम्मेदारी का भी मूल्यांकन किया जाएगा।


इस कदम की आलोचना करने वालों का कहना है कि यह भेदभाव और अनावश्यक देरी को बढ़ावा देगा। उनका तर्क है कि पड़ोसियों की राय हमेशा निष्पक्ष नहीं होती, जिससे कई योग्य आवेदकों को बिना कारण नागरिकता से वंचित किया जा सकता है। वहीं, समर्थकों का कहना है कि यह कदम अमेरिकी समाज को अधिक सुरक्षित बनाने और असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए आवश्यक है।


रिपोर्टों के अनुसार, इस नई प्रक्रिया का सबसे अधिक प्रभाव उन प्रवासी समुदायों पर पड़ेगा, जो पहले से ही नागरिकता प्राप्त करने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया और प्रतीक्षा अवधि से गुजर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ट्रम्प प्रशासन की कठोर इमिग्रेशन नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी समाज में केवल उन्हीं को शामिल करना है जिन पर पूरी तरह भरोसा किया जा सके।