ठाणे बलात्कार मामले में युवक को मिली राहत, कोर्ट ने बरी किया

ठाणे बलात्कार मामले में अदालत का फैसला
ठाणे बलात्कार मामला: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की विशेष अदालत ने एक 25 वर्षीय युवक को राहत प्रदान की है। उस पर 2019 में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की से शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप था। हालांकि, अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया, क्योंकि पीड़िता ने यह स्वीकार किया कि उनके बीच संबंध आपसी सहमति से थे।
विशेष न्यायाधीश डी.एस. देशमुख ने 2 जून को यह निर्णय सुनाया। उन्होंने कहा, 'पीड़िता की गवाही से स्पष्ट होता है कि उसके और आरोपी के बीच संबंध आपसी सहमति से बने थे और अब उसे आरोपी से कोई शिकायत नहीं है। पीड़िता की यह स्वीकारोक्ति अभियोजन पक्ष के लिए हानिकारक साबित हुई है।'
आरोप और धाराएं
2019 में आरोपी आकाश सचिन साठे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 323, 504 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि उसने मार्च से जून 2019 के बीच लड़की के साथ यौन संबंध बनाए और बाद में शादी से इनकार कर दिया।
पीड़िता का बयान
क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान पीड़िता ने बताया कि उसने यह शिकायत आरोपी की चाची के कहने पर दर्ज करवाई थी क्योंकि वह युवक से शादी करना चाहती थी। लेकिन अब उसका उस रिश्ते में आगे बढ़ने का कोई इरादा नहीं है। पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिए गए बयान में भी यही बात दोहराई थी।
कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने कहा, 'घटना के समय पीड़िता की उम्र लगभग 17 साल थी और वह इतनी परिपक्व थी कि सही और गलत को समझ सके। इन परिस्थितियों में आरोपी को दोषी ठहराने का कोई आधार नहीं है।' अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में प्रेम संबंध स्पष्ट रूप से सामने आए हैं और जब पीड़िता स्वयं सहमति की बात कह रही है, तो आरोप साबित नहीं होते।