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डबवाली में बेमौसमी बारिश से फसलों को भारी नुकसान

डबवाली में हाल की बेमौसमी बारिश ने किसानों की फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। किसान संगठन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मुआवजे की मांग की है। नरमा, कपास, और अन्य फसलों को 75% तक नुकसान हुआ है। किसानों ने विशेष गिरदावरी और मुआवजे की मांग की है, साथ ही बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता भी जताई है। जानें इस संकट के बारे में और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उठाए गए कदम।
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डबवाली में बेमौसमी बारिश से फसलों को भारी नुकसान

डबवाली में फसलों का नुकसान

डबवाली फसल क्षति (डबवाली): डबवाली क्षेत्र में अप्रत्याशित बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। राष्ट्रीय किसान संगठन के सदस्यों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ज्ञापन सौंपकर खरीफ फसलों की विशेष गिरदावरी और मुआवजे की मांग की है। जसवीर सिंह भाटी, भोला सिंह, गुरतेज सिंह, बलविंदर सिंह, अंग्रेज सिंह, जगदेव सिंह, हरदीप सिंह, प्रितपाल सिंह, हरभजन सिंह, कपूर सिंह और अन्य किसानों ने बताया कि नरमा, कपास, बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और मक्का की फसलों को 75% तक नुकसान हुआ है। प्रशासन ने बिना खेतों का निरीक्षण किए 30% नुकसान की रिपोर्ट भेजी, जो किसानों के साथ अन्याय है।


मुआवजे और सुधार की मांग

किसानों ने यह मांग की है कि नरमा, कपास, मूंग, मोठ, ग्वार और बाजरा की विशेष गिरदावरी की जाए और प्रति फसल 70,000 रुपये मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा, गांवों के रास्तों और जोहड़ों में जमा पानी की निकासी की व्यवस्था की जाए। जिनके मकान बारिश से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकी मरम्मत या नए मकान के लिए सहायता प्रदान की जाए। साथ ही, भारत माला हाईवे के पास बोरवेल बनाकर पानी निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि खेतों की फसलें बर्बाद न हों।


बारिश का प्रभाव

बारिश का कहर

सोमवार को मौसम साफ होने और धूप निकलने से किसानों ने राहत की सांस ली। लेकिन बेमौसमी बारिश ने नरमा और कपास की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। किसान अब कीटनाशक के बजाय एनपीके, मैग्नीशियम और पोटाश का छिड़काव कर रहे हैं, ताकि फसल को फंगस, उखेड़ा और झुलस रोग से बचाया जा सके। कई खेतों में पानी जमा है, और प्रशासन या कृषि अधिकारियों की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही।


ओढ़ां क्षेत्र में किसानों की समस्याएं

ओढ़ां में किसानों की मुश्किल

ओढ़ां क्षेत्र में बारिश ने खेतों और गलियों को तालाब बना दिया है। ग्वार, मूंग, बाजरा और नरमा की फसलें पहले ही खराब हो चुकी थीं, और अब लगातार तीन दिन की बारिश ने नरमा को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। किसान छतर सिंह और हीरा सिंह ने बताया कि नरमा की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद थी, लेकिन बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। प्रति एकड़ 15,000 से 20,000 रुपये का खर्च करने वाले किसान संदीप सिंह जैसे कई लोग ठेके पर ली जमीन का कर्ज चुकाने की चिंता में हैं।