डिजिटल प्लेटफार्मों का आतंकवाद में दुरुपयोग: नई रिपोर्ट में खुलासे

डिजिटल आतंक नेटवर्क
डिजिटल आतंक नेटवर्क: आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें आतंकवादियों द्वारा डिजिटल प्लेटफार्मों और फिनटेक तकनीकों के दुरुपयोग पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। इस रिपोर्ट में भारत के दो प्रमुख मामलों, 2019 के पुलवामा हमले और 2022 के गोरखनाथ मंदिर हमले का उल्लेख किया गया है।
पुलवामा हमले का संदर्भ
रिपोर्ट के अनुसार, पुलवामा हमले में विस्फोटकों को और अधिक घातक बनाने के लिए एलुमिनियम पाउडर एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से खरीदा गया था। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किया गया था, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। जांच में यह भी सामने आया कि आतंकियों ने ऑनलाइन प्लेटफार्मों का उपयोग कर साजो-सामान की योजना बनाई और खरीदी।
विदेशी नागरिकों की संलिप्तता
विदेशी नागरिक भी शामिल: इस मामले में कुल 19 लोगों को गैरकानूनी गतिविधियों के तहत आरोपी बनाया गया, जिनमें 7 विदेशी नागरिक शामिल हैं। कई संपत्तियाँ और वाहन भी जांच के दौरान जब्त किए गए।
गोरखनाथ मंदिर हमला
आतंकी ने सुरक्षाकर्मियों पर किया हमला: रिपोर्ट में अप्रैल 2022 के गोरखनाथ मंदिर हमले का भी जिक्र किया गया है, जहां एक आईएसआईएस-प्रेरित आतंकी ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया। आरोपी ने लगभग ₹6.7 लाख PayPal के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक स्टेट से जुड़े लोगों को ट्रांसफर किए। उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए कई VPN सेवाओं का इस्तेमाल किया और 44 अंतरराष्ट्रीय लेन-देन किए। PayPal ने संदिग्ध गतिविधियों के कारण उसका खाता निलंबित कर दिया।
आतंकियों के लिए नई वित्तीय राहें
आतंकियों को मिली नई वित्तीय राहें: रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दशक में फिनटेक और डिजिटल भुगतान सेवाओं के बढ़ते उपयोग ने आतंकियों को नई वित्तीय राहें प्रदान की हैं। ऑनलाइन सामानों की बिक्री, सोशल मीडिया के माध्यम से चंदा इकट्ठा करना, और 3D प्रिंटेड उपकरणों की खरीद अब डिजिटल रूप से संभव हो गई है।
नकली खातों का खतरा
नकली खातों का उपयोग: रिपोर्ट में P2P पेमेंट सिस्टम और नकली खातों का उपयोग एक बड़ा खतरा बताया गया है, क्योंकि ये पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम से अलग होते हैं और इन्हें ट्रेस करना मुश्किल होता है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने चेतावनी दी है कि कुछ देश आतंकवाद को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन देना जारी रखे हुए हैं। हालांकि किसी देश का नाम नहीं लिया गया, लेकिन भारत ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने की मांग दोहराई है।