डिजिटल युग में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर जोर
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की चिंता
समाचार : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने बताया कि डिजिटल युग में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। उन्होंने कहा कि आजकल हर कोई इंटरनेट, मोबाइल फोन और सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है। हालांकि, सोशल मीडिया ने हमें कई अवसर दिए हैं, लेकिन इसके साथ-साथ ऑनलाइन उत्पीड़न के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
विजया रहाटकर ने बताया कि महिलाएं और बच्चे साइबर बुलिंग, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग, ट्रोलिंग और डीपफेक जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से न केवल मानसिक तनाव बढ़ता है, बल्कि कई बार पीड़ित सामाजिक रूप से भी प्रभावित होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समाज को डिजिटल साक्षरता पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
इंटरनेट का जिम्मेदारी से उपयोग करना और अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। इसके साथ ही, साइबर अपराधों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में देरी नहीं करनी चाहिए। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि सरकार और आयोग मिलकर ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं।
इसके अंतर्गत महिलाओं और बच्चों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं और साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। रहाटकर ने सभी से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी से व्यवहार करें और किसी भी प्रकार के ऑनलाइन उत्पीड़न की घटना की तुरंत सूचना संबंधित प्राधिकारियों को दें।
