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डिजिटल सुरक्षा को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में डिजिटल सुरक्षा के मुद्दे पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने 'संचार साथी' पोर्टल और ऐप लॉन्च किए हैं, जो नागरिकों को डिजिटल अपराधों से सुरक्षित रखने में मदद कर रहे हैं। सिंधिया ने ऐप के माध्यम से मिली उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि लाखों फ्रॉड कनेक्शन और चोरी हुए फोन ट्रेस किए गए हैं। जानें इस ऐप की विशेषताएं और नागरिकों के लिए इसके महत्व के बारे में।
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डिजिटल सुरक्षा को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान

संचार सुरक्षा पर केंद्रीय मंत्री का बयान

लोकसभा में बुधवार को संचार सुरक्षा और डिजिटल खतरों के मुद्दे पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक विस्तृत उत्तर प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि दूरसंचार क्षेत्र अब देश को वैश्विक स्तर पर जोड़ने का सबसे महत्वपूर्ण साधन बन चुका है, जिसमें 100 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता शामिल हैं। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों को डिजिटल अपराधों और दुरुपयोग से सुरक्षित रखे। 


संचार मंत्री ने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग बढ़ने के साथ-साथ कई ऐसे तत्व भी सक्रिय हैं जो इसका दुरुपयोग कर लोगों को ठगी, धोखाधड़ी और साइबर अपराधों का शिकार बनाते हैं। सरकार का कर्तव्य है कि हर नागरिक को इन खतरों से बचाया जाए।


सिंधिया ने बताया कि सरकार ने 2023 में 'संचार साथी' पोर्टल की शुरुआत की थी और 2025 में 'संचार साथी' ऐप लॉन्च किया गया। इन दोनों का उद्देश्य नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा का अधिकार प्रदान करना है। इस ऐप के माध्यम से हर नागरिक न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है, बल्कि चोरी हुए फोन की रिपोर्ट भी कर सकता है। इससे अपराधों को रोकने और मोबाइल नेटवर्क को सुरक्षित बनाने में मदद मिली है। 


मंत्री ने बताया कि पोर्टल को अब तक 20 करोड़ हिट मिले हैं और ऐप को 1.5 करोड़ बार डाउनलोड किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सॉफ्टवेयर विकसित किया, लेकिन इसकी सफलता का श्रेय जनता को जाता है, क्योंकि जनता के उपयोग और रिपोर्टिंग के कारण ही यह प्लेटफॉर्म सफल हुआ है।


सिंधिया ने ऐप और पोर्टल के माध्यम से मिली उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1.5 करोड़ फ्रॉड मोबाइल कनेक्शन देशभर में डिसकनेक्ट किए जा चुके हैं।


26 लाख चोरी हुए मोबाइल फोन ट्रेस किए गए हैं। 7 लाख फोन उनके असली मालिकों को वापस किए गए हैं। 41 लाख मोबाइल कनेक्शन संदिग्ध गतिविधियों के कारण बंद किए गए हैं। 6 लाख साइबर फ्रॉड नंबर ब्लॉक किए गए हैं।


सिंधिया ने स्पष्ट किया कि यह ऐप किसी पर थोपने का साधन नहीं है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक विकल्प है। जब तक उपभोक्ता खुद ऐप में रजिस्टर नहीं करेगा, यह सक्रिय नहीं होगा।


उन्होंने बताया कि उपभोक्ता अपनी इच्छा से ऐप डाउनलोड कर सकता है या हटा भी सकता है। लोकतंत्र में यह नागरिक का पूर्ण अधिकार है।


ऐप के जरिए निगरानी या जासूसी की आशंका पर सिंधिया ने स्पष्ट किया कि इस ऐप के माध्यम से न तो स्नूपिंग संभव है, न ही कभी होगी। मोदी सरकार नागरिकों को सशक्त बनाना चाहती है, उन पर नजर रखना नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि सरकार जनता से मिले फीडबैक के आधार पर ऐप में और सुधार करने को तैयार है।