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डीआरडीओ का अग्नि-5 मिसाइल: भारतीय वायुसेना की नई ताकत

डीआरडीओ ने भारतीय वायुसेना के लिए अग्नि-5 मिसाइल का नया संस्करण विकसित किया है, जो दुश्मन के बंकरों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इस मिसाइल में 7.5 से 8 टन का भारी वारहेड होगा और इसे दो तरीकों से लॉन्च किया जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी प्रभावशीलता को देखते हुए, यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन दोनों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण शक्ति साबित होगी। जानें इस नई तकनीक के बारे में और कैसे यह भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ाएगी।
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डीआरडीओ का अग्नि-5 मिसाइल: भारतीय वायुसेना की नई ताकत

डीआरडीओ की नई पहल

भारतीय थल सेना के बाद, अब डीआरडीओ वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाने में जुटा है। डीआरडीओ ने भारतीय वायुसेना के लिए अग्नि-5 मिसाइल का एक नया संस्करण विकसित किया है। यह मिसाइल दुश्मन के कई स्तर के बंकरों को एक ही झटके में नष्ट करने की क्षमता रखती है। यह विशेष रूप से भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत की तीनों सेनाएं अपनी ताकत को और अधिक मजबूत करने में लगी हुई हैं।


नई अग्नि-5 मिसाइल की विशेषताएँ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस सेक्टर में कार्यरत सभी कंपनियों से उत्पादन बढ़ाने की अपील की है। इसी संदर्भ में, डीआरडीओ अपने कई मिसाइलों और ड्रोन को अपग्रेड करने में व्यस्त है। अग्नि-5 मिसाइल के नए संस्करण में लगभग 7.5 से 8 टन का भारी वारहेड शामिल किया जाएगा। इसे दो तरीकों से लॉन्च किया जा सकता है: पहला, एयरबर्स्ट, जिसमें मिसाइल हवा में ही विस्फोट करेगी, और दूसरा, यह जमीन में लगभग 100 मीटर तक घुसकर वार कर सकती है।


ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एयर बेस को निशाना बनाया, तब खबरें आईं कि पाकिस्तान का सेनाध्यक्ष असीम मुनीर कई स्तर के बंकर में छिप गया था। यदि पाकिस्तान ने कोई दुस्साहस किया, तो अग्नि-5 मिसाइल उन बंकरों को भी नष्ट करने की क्षमता रखती है। भारतीय वायुसेना के पास इस प्रकार की बमबारी करने वाली मिसाइल पहले नहीं थी।


अग्नि-5 की रेंज और क्षमताएँ

अग्नि-5 मिसाइल अमेरिका के बी-2 बॉम्बर की कमी को पूरा करेगी। इसकी रेंज लगभग 2500 किलोमीटर होने की संभावना है, जिससे युद्ध के समय किसी भी वारहेड को ले जाने में कोई कठिनाई नहीं होगी। यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन दोनों को एक समान जवाब देने की क्षमता रखती है। इसे सड़क से कहीं भी ले जाकर जल्दी लॉन्च किया जा सकता है, जिससे भारत को दुश्मन के ठिकानों को दूर से ही नष्ट करने की नई ताकत मिलेगी।