डीआरडीओ का नया प्रयास: अस्त्र मार्क-2 मिसाइल की रेंज 200 किलोमीटर से अधिक

अस्त्र मार्क-2 की नई रेंज
नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अस्त्र मार्क-2 एयर-टू-एयर मिसाइल की रेंज को 200 किलोमीटर से अधिक करने की योजना बनाई है। पहले इसकी रेंज लगभग 160 किलोमीटर मानी जा रही थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 200 किलोमीटर से अधिक करने का प्रयास किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय इस प्रस्ताव पर जल्द ही चर्चा करेगा।
मिसाइल की विशेषताएँ
अस्त्र मार्क-2 एक बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल है, जिसका उद्देश्य आंखों की दूरी से बाहर रहकर लक्ष्य को भेदना है। भारतीय वायु सेना (IAF) लगभग 700 ऐसी मिसाइलों की खरीद की योजना बना रही है, जिन्हें सुखोई और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) पर लांचर के रूप में स्थापित किया जाएगा।
विकास में सहयोग
डीआरडीओ ने अस्त्र परिवार के विकास में कई सार्वजनिक और निजी संस्थानों को शामिल किया है, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) सहित 50 से अधिक कंपनियों और प्रयोगशालाओं का योगदान है। अस्त्र मार्क-1 की रेंज 100 किलोमीटर से अधिक है और इसमें आधुनिक गाइडेंस और नेविगेशन सिस्टम शामिल हैं।
प्रतिस्पर्धा और रणनीतिक महत्व
खुफिया और सैन्य सर्किलों में यह माना जा रहा है कि यदि अस्त्र मार्क-2 की रेंज 200 किलोमीटर से अधिक हो जाती है, तो यह क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध कुछ प्रतिस्पर्धी मिसाइलों की तुलना में आगे रहेगा। पाकिस्तान की वायुसेना के पास भी लंबी-रेंज क्षमताओं वाली मिसाइलें हैं, जैसे कि उनके एफ-16 विमानों पर लगे AIM-120 सी-5 एएमआरएएएम की रेंज लगभग 100-120 किलोमीटर है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन के पीएल-15 (एक्सपोर्ट वर्जन) खरीदे हैं, जिनकी रेंज लगभग 145 किलोमीटर है।
ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ
ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में कुछ स्रोतों का दावा है कि उस टकराव में पाकिस्तान की कुछ हवाई क्षमताओं को नुकसान हुआ था और पीएल-15 के प्रयोग अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाए। हालांकि, ऐसे दावों की सत्यता विभिन्न स्रोतों पर निर्भर करती है।