डीआरडीओ ने सफलतापूर्वक एक ही लॉन्चर से दो प्रलय मिसाइलों का प्रक्षेपण किया
प्रलय मिसाइलों का सफल प्रक्षेपण
नई दिल्ली - रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक ही लॉन्चर से दो प्रलय मिसाइलों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। यह प्रक्षेपण एक के बाद एक तेजी से किया गया। प्रलय मिसाइल एक स्वदेशी, ठोस ईंधन आधारित क्वाजी-बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसमें अत्याधुनिक गाइडेंस और नेविगेशन प्रणाली शामिल है, जो इसकी उच्च सटीकता को सुनिश्चित करती है।
यह मिसाइल विभिन्न प्रकार के वारहेड ले जाने और अलग-अलग लक्ष्यों पर प्रहार करने में सक्षम है। यह प्रक्षेपण 31 दिसंबर को सुबह लगभग 10:30 बजे ओडिशा तट के निकट संपन्न हुआ। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, दोनों मिसाइलों ने निर्धारित मार्ग का सटीक पालन किया और सभी उड़ान उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। मिसाइलों की उड़ान और टर्मिनल घटनाओं की पुष्टि चांदिपुर में तैनात इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के ट्रैकिंग सेंसर द्वारा की गई। इसके अलावा, लक्षित क्षेत्र के निकट तैनात नौसैनिक जहाजों पर मौजूद टेलीमेट्री प्रणालियों ने भी उड़ान की सटीकता की पुष्टि की।
7500 किमी प्रति घंटे की गति वाली यह मिसाइल 1000 किलो तक का बारूद ले जा सकती है। यह भारत के प्रमुख सेना कैंप जैसे फिरोजपुर, जैसलमेर और भुज से पाकिस्तान के 10 बड़े शहरों जैसे लाहौर, फैसलाबाद, और इस्लामाबाद को निशाना बना सकती है।
इस मिसाइल का विकास रिसर्च सेंटर इमारत, हैदराबाद द्वारा किया गया है, जिसमें डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं का सहयोग शामिल है। परीक्षण के लिए प्रणालियों का एकीकरण भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा किया गया। परीक्षणों को डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों, भारतीय वायुसेना और थलसेना के प्रतिनिधियों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी और कहा कि यह सफलता प्रलय मिसाइल प्रणाली की विश्वसनीयता को सिद्ध करती है।
डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने परीक्षण में शामिल वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह उपलब्धि इस प्रणाली के शीघ्र ही उपयोगकर्ताओं के साथ इंडक्शन के लिए तैयार होने का संकेत देती है। यह सफलता भारत की स्वदेशी मिसाइल प्रौद्योगिकी और त्वरित प्रहार क्षमता को और मजबूत करती है।
