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डीएलएड परीक्षा में पेपर लीक: दो भाई गिरफ्तार, नकल गिरोह का भंडाफोड़

लखनऊ में डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) की परीक्षा में पेपर लीक करने वाले दो भाइयों को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने अलीगढ़ से पुष्पेंद्र और धर्मेंद्र को पकड़ा, जिन्होंने छात्रों को सॉल्व पेपर बेचा। इसके अलावा, चंदौली में एक अन्य गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें अभिषेक यादव को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है, जिससे शिक्षा तंत्र में फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो रहा है।
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डीएलएड परीक्षा में पेपर लीक: दो भाई गिरफ्तार, नकल गिरोह का भंडाफोड़

लखनऊ में पेपर लीक का मामला


लखनऊ: डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) की परीक्षा में पेपर लीक करने वाले एक गिरोह के दो सदस्यों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। अलीगढ़ से दो भाई, पुष्पेंद्र और धर्मेंद्र, को एसटीएफ ने पकड़ा। आरोप है कि इन्होंने डीएलएड परीक्षा के पहले और तीसरे सेमेस्टर के प्रश्न पत्र लीक किए और इसके लिए यूपीआई के माध्यम से पैसे लिए। पुष्पेंद्र ने बीएड किया है, जबकि धर्मेंद्र बीटीसी और एमए के बाद एक निजी कॉलेज में डीएलएड के शिक्षक हैं।


पुष्पेंद्र की नितेश पांडे नामक युवक से टेलीग्राम पर दोस्ती हुई थी, जिसने उसे पेपर लीक करने का प्रस्ताव दिया। पुष्पेंद्र ने अपने भाई से इस पेपर को हल कराया और फिर एक ग्रुप बनाकर सैकड़ों छात्रों को 3500 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से बेचा। एसटीएफ ने आरोपियों से लीक किए गए पेपर और यूपीआई पेमेंट की जानकारी भी बरामद की है।


आदित्य नारायण इंटर कॉलेज में नकल करने वाले एक गिरोह का भी भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें अभिषेक यादव को गिरफ्तार किया गया। चंदौली जिले के चकिया में यह गिरोह सक्रिय था। वाराणसी एसटीएफ ने सूचना के आधार पर उसे कॉलेज के पास से पकड़ा। अभिषेक ने परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र हल करके व्हाट्सएप पर भेजने का काम किया।


नकल के तरीके का खुलासा


अभिषेक ने बताया कि वह प्रश्न पत्र को परीक्षा शुरू होने से आधे घंटे पहले प्राप्त करता था और उसे 22 परीक्षार्थियों के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजता था। इसके लिए वह प्रति पेपर 2000 रुपये वसूलता था। कुछ छात्रों ने 1000 या 1500 रुपये दिए, जबकि वह कुल मिलाकर लगभग 10,000 रुपये अरुण को भेजता था।


पुलिस ने अभिषेक का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और अब साइबर सेल की मदद से पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अरुण नामक व्यक्ति पेपर कैसे लीक करता था और क्या इस मामले में परीक्षा विभाग के किसी कर्मचारी की संलिप्तता है। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला शिक्षा तंत्र में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करता है।