डीके शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदें: क्या हार मान ली?

क्या डीके शिवकुमार ने हार मान ली?
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की हालिया टिप्पणियों से ऐसा प्रतीत होता है कि वे मुख्यमंत्री बनने की अपनी संभावनाओं को लेकर निराश हैं। जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि वे पूरे पांच साल तक पद पर बने रहेंगे, तो शिवकुमार ने कहा कि उनके पास अब क्या विकल्प हैं। यह बयान इस बात का संकेत देता है कि उन्होंने सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बने रहने की वास्तविकता को स्वीकार कर लिया है।
हाल ही में एक मंदिर में पूजा के बाद शिवकुमार ने कहा, 'प्रयास विफल हो सकते हैं, प्रार्थना नहीं', जिससे कई लोगों ने यह निष्कर्ष निकाला कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का प्रयास छोड़ दिया है। हालांकि, उनके करीबी लोगों का मानना है कि शिवकुमार अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं।
उनका यह बयान मुख्यमंत्री खेमे को अस्थायी जीत का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है। यदि शिवकुमार वास्तव में हार मान लेते, तो वे प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके होते। लेकिन उन्होंने पार्टी आलाकमान को यह संकेत दिया है कि वे उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों पदों पर बने रहेंगे। उनका अध्यक्ष पद छोड़ने का निर्णय मुख्यमंत्री बनने पर निर्भर करेगा। इस प्रकार, सितंबर के बाद कर्नाटक की राजनीति में और भी दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।