डेनमार्क में भारतीय प्रतिनिधिमंडल: आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर चर्चा

भारतीय सांसदों का डेनमार्क दौरा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल डेनमार्क की यात्रा पर निकला है। कोपेनहेगन पहुंचने पर भारतीय राजदूत मनीष प्रभात ने उनका स्वागत किया। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, एमजे अकबर, गुलाम अली खटाना, समिक भट्टाचार्य, कांग्रेस सांसद अमर सिंह, शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी और पूर्व राजनयिक पंकज सरन शामिल हैं.
भारत की आतंकवाद नीति पर संवाद
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति
इस प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य यूरोपीय देशों जैसे फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, डेनमार्क और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ संवाद स्थापित करना है। वे भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी देंगे। यह हमला सांप्रदायिक आतंकवाद का एक क्रूर उदाहरण था, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा गया है.
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का दृष्टिकोण
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का पक्ष
प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने डेनमार्क की टिप्पणियों को भारत के प्रति समर्थन का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा किए गए कूटनीतिक प्रयासों का वैश्विक प्रभाव स्पष्ट है। अकबर ने पाकिस्तान को दोहरे चेहरे वाला देश बताते हुए सवाल उठाया कि जब एक देश में विरोधाभासी नीतियाँ हों, तो बातचीत किससे की जाए? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नीतियाँ धोखे पर आधारित हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस धोखे को उजागर कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा है.
यह यात्रा भारत की विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.