डेराबस्सी में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के गैंगस्टर की गिरफ्तारी
डेराबस्सी में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के गैंगस्टर सुमित बिश्नोई को गिरफ्तार किया। एनकाउंटर के दौरान हुई गोलीबारी में सुमित घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुमित पर राजस्थान में एक युवक की हत्या का आरोप है और वह जाली पहचान के साथ छिपा हुआ था। जानें इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
Aug 5, 2025, 21:59 IST
| 
गिरफ्तारी की जानकारी
चंडीगढ़ समाचार: डेराबस्सी के गुलाबगढ़ में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और स्थानीय पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य सुमित बिश्नोई और उसके साथी को एनकाउंटर के दौरान गिरफ्तार किया है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें सुमित को गोली लगी और उसे डेराबस्सी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सुमित के पास से एक 32 बोर का रिवाल्वर भी बरामद किया गया है। वह मई में राजस्थान के हनुमानगढ़ में एक युवक की हत्या में शामिल था और पिछले महीने से गुलाबगढ़ रोड पर अपने दोस्त पंकज अली के साथ छिपा हुआ था।
एसपी-डी सौरभ जिंदल ने बताया कि गुलाबगढ़ रोड पर विनीत प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के ऑफिस के ऊपर एक पीजी में सुमित के छिपे होने की सूचना मिली थी। डीएसपी विक्रम बराड़ के नेतृत्व में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और डेराबस्सी पुलिस ने दोपहर में छापा मारा। जब पुलिस ने छापा मारा, तो 24 वर्षीय सुमित ने पुलिस पर गोली चलाई, लेकिन पुलिस ने खुद को बचा लिया।
पुलिस की जवाबी फायरिंग में सुमित की बाईं टांग पर गोली लगी। उसे गिरफ्तार कर डेराबस्सी सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया, जबकि पंकज अली को भी गिरफ्तार किया गया। सुमित के पास से एक .32 बोर का रिवाल्वर मिला है।
डीएसपी विक्रम बराड़ ने बताया कि सुमित बिश्नोई हनुमानगढ़ जिले के गोगुवाला थाना क्षेत्र में 18 मई को महावीर नामक युवक की हत्या में वांछित था। वह 23 जुलाई को पंकज अली के साथ डेराबस्सी के पीजी में रहने आया था।
सुमित ने जाली आधार कार्ड बनाकर विशाल के नाम से छात्र के रूप में पहचान बनाई थी और पंकज के साथ एक बड़े अपराध को अंजाम देने की योजना बना रहा था। दोनों के खिलाफ जानलेवा हमले और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें बुधवार को डेराबस्सी कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गोली लगने के बाद सुमित को डेराबस्सी सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया, लेकिन इलाज में करीब आधे घंटे की देरी हुई। इस दौरान वह दर्द से कराहता रहा। मेडिकल टीम ने इलाज शुरू करने से पहले मेडिकल पर्ची बनवाने को कहा, जिसके लिए पुलिस को लाइन में लगना पड़ा।
हालांकि, इमरजेंसी केस में तात्कालिक इलाज भी उतना ही आवश्यक है। यदि इलाज में इतनी देरी करनी थी, तो अस्पताल से गई एंबुलेंस को पूरे रास्ते सायरन बजाने की क्या आवश्यकता थी।