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डॉ. अजय शर्मा को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति में नामित किया गया

जालंधर के प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार डॉ. अजय शर्मा को केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति तीन वर्षों के लिए की गई है। डॉ. शर्मा पूरे पंजाब से समिति में शामिल होने वाले एकमात्र साहित्यकार हैं। उनकी साहित्यिक उपलब्धियाँ भी उल्लेखनीय हैं, जिसमें उनका उपन्यास “बसरा की गलियाँ” शामिल है, जो विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में स्थान पा चुका है। डॉ. शर्मा ने अपनी नियुक्ति पर हिंदी भाषा और साहित्य को सशक्त बनाने का संकल्प लिया है।
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डॉ. अजय शर्मा को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति में नामित किया गया

डॉ. अजय शर्मा की नई जिम्मेदारी

जालंधर - प्रसिद्ध हिंदी लेखक डॉ. अजय शर्मा को केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति तीन वर्षों के लिए की गई है।


डॉ. शर्मा पूरे पंजाब से समिति में शामिल होने वाले एकमात्र साहित्यकार हैं। इस समिति का पुनर्गठन गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की सिफारिश पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया गया है। समिति का मुख्य कार्य मंत्रालय में भारत सरकार की राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन पर सलाह देना और इससे संबंधित अन्य गतिविधियों में योगदान करना होगा। समिति की अध्यक्षता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री करेंगे, जबकि राज्य मंत्री उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे। इस समिति में कुल 29 सदस्य शामिल हैं।


डॉ. अजय शर्मा की साहित्यिक उपलब्धियाँ भी उल्लेखनीय हैं। हाल ही में उनका उपन्यास “बसरा की गलियाँ” गुरु काशी विश्वविद्यालय के एम.ए. पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। यह उनका सातवाँ उपन्यास है जिसे विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में स्थान मिला है। इस उपन्यास को तीन अलग-अलग विश्वविद्यालयों के एम.ए. पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, जो एक अद्वितीय उपलब्धि है।


अब तक वे 17 उपन्यास, 6 नाटक और एक कहानी संग्रह लिख चुके हैं। उनके सात उपन्यास विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं और कई रचनाएँ देश की विभिन्न भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। उन्हें पंजाब सरकार का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ‘शिरोमणि साहित्यकार पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश सरकार का ‘साहित्यिक सौरभ सम्मान’, तथा केंद्रीय हिंदी निदेशालय का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।


अपनी नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ. अजय शर्मा ने कहा, “यह मेरे लिए सम्मान के साथ-साथ जिम्मेदारी भी है। मैं हिंदी भाषा और साहित्य को और अधिक सशक्त बनाने तथा मंत्रालय की नीतियों में योगदान देने का पूरा प्रयास करूंगा।”