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डॉ. एस. जयशंकर ने यूएन में आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल पर दी चेतावनी

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने की अपील की। उनके बयान की रणनीतिक अहमियत क्वाड देशों की बैठक से पहले बढ़ गई है। जानें, उन्होंने आतंकवाद के प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से क्या अपील की।
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डॉ. एस. जयशंकर ने यूएन में आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल पर दी चेतावनी

डॉ. एस. जयशंकर का बयान

डॉ. एस. जयशंकर का यूएन में संबोधन: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में एक विशेष कार्यक्रम में राज्य प्रायोजित आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल के खिलाफ सख्त चेतावनी दी। 'द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म' नामक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान उन्होंने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाने की अपील की।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "जब आतंकवाद को किसी राज्य द्वारा प्रायोजित किया जाता है और इसका उपयोग पड़ोसी देशों को अस्थिर करने के लिए किया जाता है, तो यह केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन जाता है। ऐसे में उस राज्य को बेनकाब करना और उसके खिलाफ कार्रवाई करना आवश्यक है।"


आतंकवाद का व्यापक प्रभाव

आतंकवाद का प्रभाव: उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद केवल सैनिकों या सरकारों को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह आम नागरिकों के जीवन, भविष्य और सुरक्षा को भी खतरे में डालता है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खतरे के प्रति सजग रहना चाहिए।


बयान की रणनीतिक प्रासंगिकता

बयान की रणनीतिक अहमियत: डॉ. जयशंकर का यह बयान क्वाड देशों - भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया की महत्वपूर्ण बैठक से पहले आया है, जिससे इसकी रणनीतिक प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। भारत ने लंबे समय से पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, और इस बयान को उसी संदर्भ में देखा जा रहा है।


परमाणु ब्लैकमेल का खतरा

परमाणु ब्लैकमेल की बढ़ती प्रवृत्ति: विदेश मंत्री ने परमाणु ब्लैकमेल की बढ़ती प्रवृत्ति को एक गंभीर खतरे के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जिन देशों के पास परमाणु शक्ति है, यदि वे इसका उपयोग दूसरों को डराने या दबाव बनाने के लिए करते हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए एक गंभीर चुनौती बनता है।


अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील

अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील: जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से आग्रह किया कि वे आतंकवाद के पीड़ितों की आवाज़ को सामने लाएं और न्याय सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक आतंक के वित्तपोषण, प्रचार और समर्थन को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जाएगा, तब तक शांति और स्थिरता संभव नहीं है।