डॉ. राकेश बिश्नोई आत्महत्या मामले में सरकार और परिजनों के बीच समझौता
डॉ. राकेश बिश्नोई केस में नया मोड़
डॉ. राकेश बिश्नोई केस: जोधपुर के चिकित्सक राकेश बिश्नोई की आत्महत्या के मामले में एक नया मोड़ आया है। उनके परिवार के सदस्य पिछले कुछ दिनों से जयपुर के SMS अस्पताल के शवगृह के बाहर धरना दे रहे थे। परिजनों ने पिछले 7 दिनों से मृतक का पोस्टमार्टम नहीं करवाने का निर्णय लिया था। इस प्रदर्शन में आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल और छात्र नेता निर्मल चौधरी ने भी समर्थन दिया। बेनीवाल ने सीएम हाउस का घेराव करने की घोषणा की थी, लेकिन अब सरकार ने बातचीत के माध्यम से मामले को सुलझाने का दावा किया है।
सरकार की सहमति पर बनी बात
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने परिजनों की कुछ मांगों पर सहमति जताई है। सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मृतक की पत्नी को संविदा पर नौकरी और उचित मुआवजा देने पर भी सहमति बनी है। इसके अलावा, HOD राजकुमार राठौड़ को APO करने पर भी सरकार तैयार हो गई है। इन मांगों के पूरा होने के बाद, मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिए सहमत हो गए हैं।
राजकुमार राठौड़ का इस्तीफा
सरकार के इस निर्णय से नाराज होकर जोधपुर अस्पताल के HOD राजकुमार राठौड़ ने इस्तीफे का ऐलान किया है। उन्होंने मेडिकल एजुकेशन सचिव के नाम अपना इस्तीफा सौंपा है। फार्माकोलॉजी विभाग के HOD और अतिरिक्त प्रिंसिपल पद से उन्होंने इस्तीफा दिया है।
मामले का संक्षिप्त विवरण
क्या है पूरा मामला? डॉ. राकेश बिश्नोई जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग के तृतीय वर्ष के रेजीडेंट थे। उन्होंने 13 जून को जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जयपुर रेफर किया गया, जहां SMS अस्पताल में 14 जून को उनकी मृत्यु हो गई। बिश्नोई का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने HOD डॉ. राठौड़ पर गंभीर आरोप लगाए थे। परिवार ने भी डॉ. राठौड़ पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था।
