डोनाल्ड ट्रंप का इजरायल-ईरान संघर्ष पर बयान
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव
डोनाल्ड ट्रंप का इजरायल-ईरान संघर्ष पर बयान: इजरायल और ईरान के बीच का संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी संदर्भ में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा में आयोजित ग्रुप ऑफ़ सेवन (जी 7) नेताओं की बैठक को अचानक छोड़ दिया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बताया कि ट्रंप के इस कदम के पीछे दोनों देशों के बीच तनाव और युद्ध विराम की स्थिति थी, लेकिन ट्रंप ने इस बात का खंडन किया।
ट्रंप ने कहा कि वह ईरान के साथ परमाणु विवाद का वास्तविक समाधान चाहते हैं। इस दौरान मीडिया ने उनसे कई सवाल पूछे, जिनका उन्होंने जवाब दिया। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वास्तविक समाधान का क्या अर्थ है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह युद्धविराम नहीं, बल्कि स्थायी समाधान की तलाश में हैं।
सवालों के जवाब में ट्रंप
मीडिया से बातचीत करते हुए, ट्रंप ने संकेत दिया कि वह मध्य पूर्व में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपने विशेष दूत स्टीवन विटकॉफ या उपराष्ट्रपति जेडी वेंसिटो को इस्लामिक गणराज्य से बातचीत के लिए भेज सकते हैं। हालांकि, उन्होंने अपनी योजना के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
उन्होंने तेहरान को दोषी ठहराते हुए कहा कि ईरान की गलतियों के कारण वह इजरायल के साथ समझौता नहीं कर पाए, जिससे हमलों को रोकना संभव नहीं हो सका। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ईरान के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सौदा करने की कोशिश की थी, लेकिन ईरान ने इसे अस्वीकार कर दिया। ट्रंप ने आगे कहा कि अब वह बातचीत के मूड में नहीं हैं।
विश्व नेताओं की चिंता
ईरान और इजरायल के बीच तनाव धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि इजरायल अपने हमलों की गति को कम करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक किसी ने भी हमलों की गति को धीमा नहीं किया है। कनाडा में जी 7 शिखर सम्मेलन में शामिल विश्व नेताओं ने दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध पर अपनी राय व्यक्त की। अधिकांश देशों ने शांति बनाए रखने का आह्वान किया। इजरायल ने अपने हमलों को अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया है।
