डोनाल्ड ट्रंप का ईरान पर बड़ा बयान, परमाणु खतरे की चेतावनी

ट्रंप का ईरान पर बयान
जी7 सम्मेलन को छोड़कर अमेरिका लौटे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अगले कदम पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थीं। अब ट्रंप ने ईरान के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु बम बनाने के करीब पहुंच चुका है। ट्रंप ने यह भी बताया कि अगले कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। अमेरिका पहुंचते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई, जिसमें रक्षा मंत्री और अन्य सलाहकार शामिल हुए।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि अमेरिका का ध्यान ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र पर है। अमेरिका बी-2 स्टील्थ बम का उपयोग कर सकता है, जो जीबीयू-57 या एमओपी 61 मीटर की परत को भेद सकता है। अमेरिका या तो ईरान के परमाणु संयंत्र को निशाना बना सकता है या फिर ईरान में तख्तापलट की योजना बना सकता है। हालांकि, ये सभी अटकलें हैं और माना जा रहा है कि यह सब ईरान को परमाणु समझौते के लिए मजबूर करने की रणनीति है।
इजरायल का रुख
इजरायल ने भी ईरान पर हमले का कारण स्पष्ट किया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर उन रिपोर्टों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उन्होंने ईरान के साथ शांति वार्ता शुरू की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी भी रूप में ईरान से संपर्क नहीं किया है। यह केवल एक मनगढ़ंत और झूठी खबर है। यदि ईरान बात करना चाहता है, तो उन्हें पता है कि मुझ तक कैसे पहुंचना है। उन्हें उस समझौते को स्वीकार करना चाहिए था जो टेबल पर था, इससे कई लोगों की जान बच सकती थी। एयर फ़ोर्स वन में सवार होते हुए ट्रंप ने कहा कि युद्ध विराम से बेहतर होगा "एक वास्तविक अंत - युद्ध विराम नहीं।"
उन्होंने यह भी कहा कि वह ईरानी अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और मध्य पूर्व के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को भेज सकते हैं।
ईरान-इजरायल संघर्ष
यह ध्यान देने योग्य है कि ईरान और इजरायल के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष में ईरान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कम से कम 224 लोग मारे गए हैं, जिनमें 70 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, और 1,277 लोग घायल हुए हैं। इजरायल में मरने वालों की संख्या 18 से 20 के बीच है, जबकि 390 से अधिक लोग घायल हुए हैं। आपातकालीन दल कई शहरों में मलबे की तलाश कर रहे हैं। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि इजरायल ने ईरान से उत्पन्न खतरे का मुकाबला करने के लिए एक "लक्षित सैन्य अभियान" शुरू किया है।