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डोनाल्ड ट्रंप का गाजा शांति प्रस्ताव: मुस्लिम देशों में उठे विवाद और विरोध

डोनाल्ड ट्रंप का गाजा शांति प्रस्ताव, जो दो साल से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए पेश किया गया था, अब मुस्लिम देशों में विवाद का कारण बन गया है। पाकिस्तान और अन्य अरब देशों पर फिलिस्तीन के हितों से समझौता करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस प्रस्ताव में कई प्रमुख शर्तें शामिल हैं, जैसे कि हमास का निरस्त्रीकरण और गाजा का संचालन अमेरिकी नेतृत्व में। जानें इस प्रस्ताव के पीछे की सच्चाई और मुस्लिम देशों में इसके खिलाफ उठते विरोध के बारे में।
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डोनाल्ड ट्रंप का गाजा शांति प्रस्ताव: मुस्लिम देशों में उठे विवाद और विरोध

ट्रंप का गाजा शांति प्रस्ताव: मुख्य बिंदु

डोनाल्ड ट्रंप का गाजा शांति प्रस्ताव: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत गाजा शांति योजना, जो पिछले दो वर्षों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के उद्देश्य से बनाई गई थी, अब मुस्लिम देशों के लिए एक गंभीर राजनीतिक संकट बन गई है। पाकिस्तान और अन्य अरब देशों पर फिलिस्तीन के हितों से समझौता करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।


ट्रंप के शांति प्रस्ताव की प्रमुख शर्तें

इस शांति योजना में निम्नलिखित मुख्य शर्तें शामिल हैं:



  • फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास का निरस्त्रीकरण।


  • गाजा का संचालन अमेरिकी नेतृत्व वाले 'बोर्ड ऑफ पीस' के माध्यम से।


  • इजरायल का गाजा से चरणबद्ध वापसी।


  • बंधकों की अदला-बदली।


  • अरब देशों द्वारा पुनर्निर्माण का खर्च।


  • भविष्य में फिलिस्तीन को अस्पष्ट रूप से राज्य का वादा।



हालांकि, यह कागज पर एक रोडमैप जैसा प्रतीत होता है, लेकिन इसे 'उम्माह से गद्दारी' के रूप में देखा जा रहा है।


मुस्लिम देशों में विरोध और विवाद

जिन मुस्लिम देशों ने इजरायल को मान्यता नहीं दी थी, वे इस प्रस्ताव के माध्यम से उसकी उपस्थिति को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान में सरकार की कथित मंजूरी को भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। कराची के एक समाचार पत्र ने इसे 'टू-स्टेट सरेंडर' करार दिया है, जिसमें इजरायल का पक्ष पूरी तरह से मजबूत होता दिख रहा है।


विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता फिलिस्तीनियों की संप्रभुता को छीनता है, इजरायली सुरक्षा घेरे को वैधता प्रदान करता है और गाजा की स्थिति को अमेरिकी और अरब देशों की इच्छाओं पर निर्भर करता है। इस कारण, इस प्रस्ताव को स्वीकार करने वाले मुस्लिम देशों को 'उम्माह के गद्दार' कहा जा रहा है।


गाजा की वर्तमान स्थिति

गाजा इस समय गंभीर तबाही और अकाल के कगार पर है। ऐसे में, ट्रंप का शांति प्रस्ताव फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय के अधिकार को भू-राजनीतिक सौदों में बेचने जैसा माना जा रहा है।