डोनाल्ड ट्रंप का डाक मतपत्रों के खिलाफ आंदोलन का ऐलान

ट्रंप का नया कार्यकारी आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार, 18 अगस्त को घोषणा की कि वह 2026 में होने वाले मध्यावधि चुनावों से पहले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। इस आदेश के तहत वह देशभर में डाक मतपत्रों और मतदान मशीनों के खिलाफ एक आंदोलन की शुरुआत करेंगे। ट्रंप ने इसे मतदान प्रणाली में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, "मैं डाक मतपत्रों को समाप्त करने के लिए एक आंदोलन का नेतृत्व करने जा रहा हूं, और साथ ही, हम महंगी और विवादास्पद मतदान मशीनों को भी खत्म करने का प्रयास करेंगे। ये मशीनें वॉटरमार्क पेपर की तुलना में दस गुना अधिक महंगी हैं और चुनाव की रात परिणाम स्पष्ट करने में मदद करती हैं।"
डेमोक्रेट्स का विरोध
डेमोक्रेट्स द्वारा इस आदेश का किया जाएगा कड़ा विरोध
ट्रंप ने कहा कि 2026 के चुनावों में ईमानदारी लाने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करके हम इस प्रयास की शुरुआत करेंगे, जिसका डेमोक्रेट्स कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि डेमोक्रेट्स ने पहले कभी नहीं देखे गए स्तरों पर धोखाधड़ी की है। ट्रंप ने कहा कि राज्य केवल संघीय सरकार के लिए वोटों की गिनती करने वाले "एजेंट" हैं।
मतदान प्रणाली में सुधार का दावा
चुनाव मेल- मतपत्रों/ वोटिंग के साथ कभी भी ईमानदार नहीं हो सकते
ट्रंप ने यह भी कहा कि डाक मतपत्रों के साथ चुनाव कभी भी ईमानदार नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, "मैं और रिपब्लिकन पार्टी चुनावों में ईमानदारी और निष्ठा वापस लाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।" उन्होंने डाक मतपत्रों को धोखाधड़ी का एक बड़ा कारण बताया और इसे समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मतदान प्रणाली में सुधार का दावा
ट्रंप ने कहा कि वॉटरमार्क पेपर आधारित मतपत्र अधिक विश्वसनीय और लागत-प्रभावी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जो मेल-इन वोटिंग का उपयोग करता है, जबकि अन्य देशों ने धोखाधड़ी की चिंताओं के कारण इसे छोड़ दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि कई देशों में मेल-इन वोटिंग प्रचलित है और मतदाता धोखाधड़ी के मामले बहुत कम होते हैं।