डोनाल्ड ट्रंप का दावा: व्यापारिक शुल्क से भारत-पाकिस्तान के बीच शांति समझौता

ट्रंप का विवादास्पद दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से यह दावा किया है कि उन्होंने व्यापारिक दबाव का उपयोग करके भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता कराया। ट्रंप का कहना है कि उनके द्वारा लगाए गए टैरिफ इस साल की शुरुआत में दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच संघर्ष के दौरान युद्धविराम का कारण बने। उन्होंने यह भी बताया कि इन टैरिफ के चलते अमेरिका को 'सैकड़ों अरब डॉलर' की आय हो रही है।
ओवल ऑफिस में ट्रंप का बयान
सोमवार को ओवल ऑफिस में ट्रंप ने कहा, "अमेरिका के लिए शुल्क बहुत महत्वपूर्ण हैं। इससे हम अरबों डॉलर कमाते हैं और साथ ही हम शांति के लिए भी काम कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्होंने शुल्क का उपयोग नहीं किया होता, तो चार युद्ध अभी भी जारी होते।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव
ट्रंप ने कहा, "मैंने युद्ध रोकने के लिए शुल्क का इस्तेमाल किया। भारत और पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार थे, और सात विमान गिराए गए थे।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जो कहा वह प्रभावी था और इसी कारण संघर्ष समाप्त हुआ।
भारत ने इस मामले में किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार किया है। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में, भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी।
सीमा पर संघर्ष का अंत
भारत और पाकिस्तान ने चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को संघर्ष समाप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद बनी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में स्पष्ट किया कि किसी भी विदेशी नेता ने भारत से 'ऑपरेशन सिंदूर' को रोकने के लिए नहीं कहा। ट्रंप ने यह भी कहा है कि उन्होंने अपने प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में सात युद्ध समाप्त किए हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान का संघर्ष भी शामिल है।