Newzfatafatlogo

डोनाल्ड ट्रंप का नाम जेफरी एपस्टीन के मामलों में: क्या है सच?

हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से संबंधित मामलों की फाइलों में शामिल है। इस पर व्हाइट हाउस ने इसे 'फर्जी खबर' करार दिया है। जानें इस विवाद की सच्चाई, बॉंडि और ब्लैंच का बयान, और ट्रंप और एपस्टीन के बीच के संबंधों के बारे में। क्या ट्रंप ने कोई गलत कार्य किया? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
 | 
डोनाल्ड ट्रंप का नाम जेफरी एपस्टीन के मामलों में: क्या है सच?

ट्रंप को मिली जानकारी

एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मई में सूचित किया गया था कि उनका नाम यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से जुड़े मामलों की फाइलों में शामिल है। यह जानकारी उन्हें पूर्व अटॉर्नी जनरल पाम बॉंडि ने दी थी, जिन्होंने एपस्टीन से संबंधित फाइलों की समीक्षा की थी।


WSJ की रिपोर्ट का सार

रिपोर्ट में क्या कहा गया?


रिपोर्ट में बताया गया है कि बॉंडि और उनके सहायक टॉड ब्लैंच ने ट्रंप को इस मामले की जानकारी दी। दस्तावेजों में ट्रंप का नाम कई बार आया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने कोई गलत कार्य किया है।


व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया

व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे 'फर्जी खबर' करार दिया है। प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने कहा कि यह डेमोक्रेट्स और लिबरल मीडिया द्वारा फैलाए गए झूठ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ट्रंप की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाना है।


बॉंडि और ब्लैंच का बयान

साझा बयान में क्या कहा गया?


बॉंडि और ब्लैंच ने एक साझा बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने WSJ की रिपोर्ट पर सीधे टिप्पणी करने से परहेज किया, लेकिन कहा कि फाइलों की समीक्षा के बाद उन्हें कोई ऐसा आधार नहीं मिला जिससे आगे की जांच या अभियोजन की आवश्यकता हो।


फाइलों की संवेदनशीलता

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ट्रंप को बताया गया था कि फाइलों के कुछ हिस्से सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे क्योंकि उनमें बाल पोर्नोग्राफी और पीड़ितों की संवेदनशील जानकारी शामिल है। ट्रंप और एपस्टीन के बीच पहले दोस्ती थी, लेकिन 2004 में एक संपत्ति विवाद के बाद उनके संबंधों में खटास आ गई। ट्रंप ने 2019 में कहा था कि वे एपस्टीन से 15 साल से संपर्क में नहीं थे।


जेफरी एपस्टीन से जुड़ी फाइलों में उसकी गतिविधियों, उड़ान लॉग, संपर्क सूची और अदालत के दस्तावेज शामिल हैं। इनमें से अधिकांश अभी भी सीलबंद हैं और इन्हें सार्वजनिक करने की मांग बढ़ती जा रही है।