डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला: नेपाल के लिए अस्थायी सुरक्षा स्थिति खत्म
ट्रंप का नया कदम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेपाल के लिए दी जा रही अस्थायी संरक्षित स्थिति (Temporary Protected Status - TPS) को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के परिणामस्वरूप अमेरिका में निवास कर रहे लगभग 7500 नेपाली नागरिकों को देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब हाल ही में मुस्लिम बहुल 12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था।
TPS का महत्व और नेपाल का हाल
TPS एक ऐसा विशेष दर्जा है जो उन विदेशी नागरिकों को दिया जाता है, जिनके देश में युद्ध, भूकंप या अन्य गंभीर संकट होते हैं। यह उन्हें अमेरिका में अस्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है, लेकिन नागरिकता नहीं। 2015 में नेपाल में आए भूकंप के बाद अमेरिकी सरकार ने नेपाली नागरिकों को TPS के तहत सुरक्षा प्रदान की थी। अब ट्रंप प्रशासन का कहना है कि नेपाल में स्थिति सामान्य हो गई है, इसलिए इस सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है।
विरोध के बावजूद निर्णय
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी TPS को समाप्त करने का प्रयास किया था, लेकिन उस समय आव्रजन विभाग ने इसका विरोध किया था। अब, ट्रंप ने दोबारा सत्ता में आते ही इसे लागू कर दिया है। उनके प्रशासन का कहना है कि वे अब किसी भी देश को बिना कारण सुरक्षा देने के पक्ष में नहीं हैं।
मुस्लिम देशों पर पाबंदी
ट्रंप प्रशासन ने पहले से ही अफगानिस्तान, ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन जैसे मुस्लिम देशों पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया था। अब नेपाल जैसे हिंदू बहुल देश को भी इस सूची में शामिल किया गया है, जो कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों के लिए चौंकाने वाला हो सकता है।
अमेरिकी नागरिकों की एंट्री पर प्रतिबंध
ट्रंप के इस निर्णय से नाराज कुछ देशों ने अमेरिका को चेतावनी दी है। चाड ने अपने देश में अमेरिकी नागरिकों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। चाड के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे आत्मसम्मान के साथ अमेरिका से संबंध नहीं रख सकते।
7500 नेपाली नागरिकों का भविष्य
TPS के रद्द होने के बाद अमेरिका में रह रहे 7500 नेपाली नागरिकों को या तो स्वेच्छा से देश छोड़ना होगा या फिर उन्हें जबरन डिपोर्ट किया जा सकता है। इस स्थिति में कई नेपाली प्रवासी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
ट्रंप की कड़ी आव्रजन नीति
डोनाल्ड ट्रंप अपनी कठोर आव्रजन नीति पर कायम हैं। TPS को समाप्त करके उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका में केवल उन्हीं लोगों को स्थान मिलेगा जो कानूनी और स्थायी रूप से योग्य हैं। नेपाल जैसे शांतिप्रिय देश के खिलाफ लिया गया यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप की आलोचना का कारण बन सकता है।
