डोनाल्ड ट्रंप का म्यांमार पर नया टैरिफ: सैन्य शासक का जश्न

ट्रंप का म्यांमार टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप का नया टैरिफ: जहां एक ओर डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर टैरिफ के माध्यम से हलचल मचा रखी है, वहीं म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग ह्लाइंग इसे एक सम्मान के रूप में मनाने में लगे हैं। म्यांमार की तानाशाही सरकार ने ट्रंप का एक औपचारिक पत्र इस तरह प्रस्तुत किया जैसे कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल गई हो।
अमेरिका ने म्यांमार के उत्पादों पर 40 प्रतिशत का नया टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त से प्रभावी होगा। यह वही म्यांमार है जिसे अमेरिका और यूरोप ने अभी तक आधिकारिक सरकार के रूप में मान्यता नहीं दी है और जिस पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। फिर भी, जनरल ह्लाइंग इस टैरिफ को नुकसान के बजाय एक अवसर मानते हैं।
जनरल ह्लाइंग का परिचय
जनरल ह्लाइंग कौन हैं?
जनरल ह्लाइंग वही नेता हैं जिन पर रोहिंग्या नरसंहार का आरोप है और जिन्होंने 2021 में नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की की लोकतांत्रिक सरकार को तख्तापलट के माध्यम से गिरा दिया था। सू की अब 27 साल की सजा काट रही हैं।
ट्रंप के पत्र पर प्रतिक्रिया
पत्र को निमंत्रण बताया, मिलने की इच्छा जताई
सरकारी अखबार ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार के अनुसार, जनरल ह्लाइंग ने ट्रंप के पत्र की सराहना की और इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भागीदारी का संकेत बताया। उन्होंने अमेरिका को एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की पेशकश की। ह्लाइंग ने यह भी कहा कि अमेरिका को म्यांमार पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि ये दोनों देशों के साझा हितों में बाधा डालते हैं।
ट्रंप की तारीफ
पत्र के माध्यम से जनरल ह्लाइंग ने ट्रंप की खुले दिल से प्रशंसा की। उन्होंने ट्रंप को सच्चा देशभक्त बताया और वैश्विक शांति के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने ट्रंप की उस शिकायत को भी दोहराया जिसमें उन्होंने 2020 के अमेरिकी चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था।
म्यांमार में चुनावों की स्थिति
ह्लाइंग ने कहा कि जिस तरह ट्रंप को चुनावों में अनियमितताओं का सामना करना पड़ा, म्यांमार में भी कुछ ऐसा ही हुआ। हालांकि, यह सच है कि म्यांमार में 2020 का चुनाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निष्पक्ष और स्वतंत्र माना गया था, लेकिन सेना ने धोखाधड़ी का बहाना बनाकर सत्ता हथिया ली।