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डोनाल्ड ट्रंप का व्यापारिक टैरिफ पर जोरदार बचाव: अमेरिका की आर्थिक स्थिति में सुधार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापारिक टैरिफ का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम कई साल पहले उठाया जाना चाहिए था। उन्होंने अमेरिका की आर्थिक स्थिति में सुधार की बात की और बताया कि इससे देश को सैकड़ों अरब डॉलर की आमदनी हो रही है। ट्रंप का मानना है कि पारस्परिक शुल्क लगाना वैश्विक व्यापार में संतुलन लाने का एकमात्र तरीका है। जानें उनके विचार और नए टैरिफ के बारे में इस लेख में।
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डोनाल्ड ट्रंप का व्यापारिक टैरिफ पर जोरदार बचाव: अमेरिका की आर्थिक स्थिति में सुधार

टैरिफ का समर्थन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए टैरिफ का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह कदम कई साल पहले उठाया जाना चाहिए था। ट्रंप ने बताया कि अमेरिका को सैकड़ों अरब डॉलर की आमदनी हो रही है, जिससे देश अपने कर्ज को धीरे-धीरे चुकता कर सकेगा।


कर्ज चुकाने की दिशा में कदम

ट्रंप ने कहा कि हम अपने कर्ज को खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं। अब अमेरिका के पास पहले से कहीं अधिक धन आ रहा है। यदि यह प्रक्रिया वर्षों पहले शुरू हुई होती, तो हम पहले ही काफी आगे बढ़ चुके होते। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में चीन पर टैरिफ लगाए थे, लेकिन कोविड के कारण आगे की योजनाएं रुक गईं।


निष्पक्ष व्यापार की आवश्यकता

निष्पक्ष व्यापार पर जोर


ट्रंप का मानना है कि पारस्परिक शुल्क लगाना वैश्विक व्यापार में संतुलन लाने का एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा कि मैं दबाव नहीं बनाना चाहता, बल्कि निष्पक्षता चाहता हूं। जब तक हमें समान अवसर और लाभ नहीं मिलेगा, तब तक हम अपनी आर्थिक शक्ति का इस्तेमाल करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि कई देशों के लिए ये शुल्क अधिक हो सकते हैं, लेकिन अमेरिका को इससे राजस्व में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है।


व्यापार नीति में बदलाव

अमेरिकी व्यापार नीति में बड़ा बदलाव


व्हाइट हाउस में वापसी के छह महीने के भीतर ही ट्रंप ने पारंपरिक वैश्विक व्यापार मॉडल को चुनौती दी। उन्होंने अमेरिका की आर्थिक ताकत का इस्तेमाल उन देशों पर दबाव डालने के लिए किया जो एकतरफा व्यापार शर्तों पर सहमत नहीं थे।


2 अप्रैल को उन्होंने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए बताया कि व्यापार घाटे वाले देशों पर 50% तक "पारस्परिक" कर और अन्य सभी देशों पर 10% का "आधारभूत" शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने इसे 1977 के एक कानून के तहत "राष्ट्रीय आपातकाल" घोषित करते हुए उचित ठहराया।


हालांकि, आलोचना के बाद उन्होंने इन शुल्कों को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया ताकि प्रभावित देश अमेरिका के साथ पुनः वार्ता कर सकें। इसके परिणामस्वरूप कई देशों ने अमेरिका की मांगें मान लीं, जबकि बाकी देशों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।


नए टैरिफ का आदेश

नए कार्यकारी आदेश से व्यापारिक जगत में हलचल


1 अगस्त को ट्रंप ने दर्जनों देशों पर नए टैरिफ लगाने का आदेश दिया। यह आदेश व्यापार समझौते की समय सीमा से चंद घंटे पहले आया। नए आदेश में 69 देशों पर शुल्क 10% से लेकर 50% तक लगाए गए।


इनमें कुछ प्रमुख टैरिफ इस प्रकार थे:


1. सीरिया: 41%


2. कनाडा: 35%


3. ब्राज़ील: 50%


4. भारत: 25%


5. स्विट्ज़रलैंड: 39%


6. ताइवान: 20%


हालांकि पाकिस्तान को राहत देते हुए शुल्क 29% से घटाकर 19% कर दिया गया।