डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति: अमेरिका का निष्पक्ष व्यापार का लक्ष्य

ट्रंप का व्यापार नीति पर बयान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति के बारे में एक बार फिर से स्पष्ट किया है कि उनका मुख्य उद्देश्य किसी देश पर दबाव डालना नहीं है, बल्कि निष्पक्ष व्यापार को सुनिश्चित करना है। पेंसिल्वेनिया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि वे लेवरेज नहीं, बल्कि निष्पक्षता की तलाश में हैं। हाल ही में अमेरिका ने कई देशों के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन भारत समेत कुछ देशों के साथ वार्ताएं अभी भी चल रही हैं। ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने के अपने निर्णय का समर्थन किया और रूस के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मृत घोषित किया।
टैरिफ की आवश्यकता पर जोर
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ऐसे टैरिफ की मांग कर रहा है जो पारस्परिक हों। उन्होंने यह भी कहा कि जहां संभव हो, समान दरों पर टैरिफ देखना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ देशों के साथ यह पूरी तरह से संभव नहीं हो सकता। विकासशील देशों में अमीर देशों से आयातित वस्तुओं पर ऊंचे टैरिफ लगाने की परंपरा रही है, ताकि वे अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्था की रक्षा कर सकें। इसके विपरीत, वे अपने सामान को विकसित देशों में कम टैरिफ पर निर्यात करते हैं। ट्रंप ने इस मॉडल को बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया।
टैरिफ नीति का आर्थिक प्रभाव
ट्रंप ने दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सैकड़ों अरब डॉलर का लाभ होगा। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन पर व्यापार नीतियों के खराब प्रबंधन का आरोप लगाया। ट्रंप का मानना है कि अमेरिका के निर्माताओं को चीन जैसे देशों की सस्ती वस्तुओं के कारण कीमतों की प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे उत्पाद सस्ते विदेशी सामानों के कारण पीछे नहीं रहना चाहिए।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता
हालांकि ट्रंप ने भारत का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन वर्तमान टैरिफ नीतियों से भारत भी प्रभावित है। अमेरिका ने भारत पर 25% का टैरिफ लगाया है और रूस के साथ भारत के व्यापार पर आपत्ति जताई है। इसके बावजूद, अगस्त में अमेरिका की एक टीम भारत आने वाली है, जहां छठे दौर की व्यापार वार्ता की संभावना है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत और अमेरिका मार्च 29 के आपसी सहमति वाले फ्रेमवर्क के तहत इस महीने के अंत तक एक प्रारंभिक व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं.