डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति: भारत पर भारी शुल्क का असर

ट्रंप की टैरिफ नीति का आगाज़
डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए 'रिसिप्रोकल टैरिफ्स' गुरुवार से प्रभावी हो गए हैं। इस नीति के तहत अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर भारी शुल्क लगाया है। ट्रंप ने कहा कि यह पैसा उन देशों से आएगा, जो वर्षों से अमेरिका का लाभ उठाते आ रहे हैं। दूसरी ओर, भारत सरकार ने इन टैरिफ्स को 'अनुचित और अन्यायपूर्ण' करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि भारत अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। ट्रंप ने अमेरिकी वामपंथी अदालतों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर अमेरिका की महानता को कोई रोक सकता है, तो वह केवल कट्टरपंथी वामपंथी अदालतें हैं।
ट्रंप का दावा: अरबों डॉलर लौटेंगे अमेरिका
ट्रंप बोले– अब अरबों डॉलर लौटेंगे अमेरिका
गुरुवार को Truth Social पर एक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि अरबों डॉलर, जिनमें से अधिकांश उन देशों से होंगे जिन्होंने कई वर्षों तक अमेरिका का फायदा उठाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की महानता को केवल एक चीज रोक सकती है, वह है कट्टरपंथी वामपंथी दल जो देश को नाकाम होते देखना चाहता है। ट्रंप की इस घोषणा के बाद अमेरिका ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे भारतीय वस्तुओं पर कुल शुल्क 50% हो गया है। यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के संदर्भ में उठाया गया है।
भारत की प्रतिक्रिया
ट्रंप के फैसले पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हमारी तेल आयात नीति पूरी तरह से बाजार-आधारित है और इसका उद्देश्य 1.4 अरब भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। भारत ने कहा कि कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों के तहत व्यापार कर रहे हैं, ऐसे में भारत को टार्गेट करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
पीएम मोदी का बयान
पीएम मोदी ने क्या कहा?
दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे लिए किसानों का हित सर्वोपरि है और भारत किसानों के हित में कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। मैं इसके लिए तैयार हूं और भारत भी तैयार है।