डोनाल्ड ट्रंप की शांति पुरस्कार की चाहत और भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर

ट्रंप की शांति पुरस्कार की चाह
जिस पल का डोनाल्ड ट्रंप को इंतजार था, वह अब आ गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप, जो शांति पुरस्कार के लिए प्रयासरत हैं, लगातार यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की है। यह स्थिति इस हद तक पहुंच गई है कि उन्होंने पाकिस्तान के आर्मी चीफ को अपने पास बुलाया। हालांकि, इस दौरान कोई कैमरा नहीं था और न ही कोई सार्वजनिक बैठक आयोजित की गई। लेकिन, मीडिया में इस विषय पर काफी चर्चा हुई। ट्रंप ने यह भी कहा कि आसिम मुनीर ने उन्हें शांति पुरस्कार मिलने की बात कही है।
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का दावा
वर्तमान जियोपॉलिटिक्स में ट्रंप का यह कहना कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया है, काफी दिलचस्प है। उन्होंने अपने दावों को दोहराते हुए कहा कि वे कई उपलब्धियों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। इनमें भारत-पाकिस्तान के बीच उनके प्रयास और एक संधि की मध्यस्थता शामिल है, जिस पर सोमवार को हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें यह पुरस्कार चार या पांच बार मिलना चाहिए था, लेकिन वे इसे केवल उदारवादियों को देते हैं।
ट्रंप का दर्द और नोबेल पुरस्कार की चाह
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कांगो और रवांडा के बीच समझौता करवाया, लेकिन फिर भी उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के लिए भी पुरस्कार नहीं प्राप्त किया। सार्बिया और कोसोवो के बीच युद्ध रुकवाने के बावजूद उन्हें पुरस्कार नहीं मिला। ट्रंप ने कहा कि वे मिडिल ईस्ट में अब्राहम समझौते के लिए भी पुरस्कार की उम्मीद नहीं रखते।
असीम मुनीर की ट्रंप से मुलाकात
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिका की यात्रा के दौरान ट्रंप के साथ एक निजी बैठक की। हालांकि, इस बैठक के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि चर्चा क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित थी। यह बैठक ट्रंप के लिए प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए पाकिस्तान के समर्थन को मजबूत करने में मददगार साबित हो सकती है।