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डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा: एक मजबूत सुरक्षा तंत्र की कहानी

डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा व्यवस्था हमेशा से चर्चा का विषय रही है। हाल ही में एक घटना में, एक नागरिक विमान ने उनके गॉल्फ कोर्स के ऊपर बिना अनुमति के प्रवेश किया, जिससे उनकी सुरक्षा पर सवाल उठे। जानें कि उनकी सुरक्षा का जिम्मा कौन उठाता है और किन एजेंसियों की भूमिका होती है। इस लेख में ट्रंप की सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया गया है, जिसमें K9 यूनिट, स्नाइपर टीमें और हवाई सुरक्षा शामिल हैं।
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ट्रंप की सुरक्षा में चूक

डिजिटल डेस्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा हमेशा चर्चा का विषय रही है। हाल ही में, न्यू जर्सी में उनके बेडमिंस्टर गॉल्फ कोर्स के ऊपर एक सामान्य नागरिक विमान ने बिना अनुमति के एक प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए NORAD ने F-16 फाइटर जेट्स को भेजा, जिन्होंने उस विमान को नियंत्रित किया और सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला। यह घटना एक बार फिर ट्रंप की सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती पर सवाल उठाती है।


ट्रंप की सुरक्षा का जिम्मा अमेरिका की सबसे प्रतिष्ठित एजेंसी, यू.एस. सीक्रेट सर्विस पर है। यह एजेंसी ट्रंप की 24 घंटे सुरक्षा सुनिश्चित करती है, चाहे वह व्हाइट हाउस में हों, विदेश यात्रा पर या चुनावी रैलियों में।


Presidential Protective Division, जो कि राष्ट्रपति की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, ट्रंप के बेहद करीब रहती है। इन सुरक्षा अधिकारियों के पास अत्याधुनिक हथियार और विशेष रेस्क्यू ट्रेनिंग होती है। यदि किसी हमले का खतरा महसूस होता है, तो Counter Assault Team तुरंत कार्रवाई करती है।


जब राष्ट्रपति ट्रंप कहीं भी जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए K9 यूनिट को तैनात किया जाता है। ये कुत्ते विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने में माहिर होते हैं। कार्यक्रम स्थल के आसपास ऊंची इमारतों पर स्नाइपर टीमें भी तैनात होती हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखती हैं।


राष्ट्रपति की सुरक्षा केवल जमीन तक सीमित नहीं है। ट्रंप के आस-पास के क्षेत्र को No-Fly Zone घोषित किया जाता है। यदि कोई विमान गलती से इस क्षेत्र में घुसने की कोशिश करता है, तो NORAD तुरंत अलर्ट हो जाता है और F-16 या F-22 जैसे फाइटर जेट्स भेजे जाते हैं।