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डोनाल्ड ट्रंप की हमास को चेतावनी: हथियार डालने का दबाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में शांति स्थापित करने के प्रयासों के तहत हमास को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि हमास ने समझौते के अनुसार अपने हथियार नहीं डाले, तो अमेरिका उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करेगा। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि हमास ने हथियार छोड़ने पर सहमति जताई है। जानें इस मुद्दे पर ट्रंप के अन्य बयान और शांति प्रक्रिया की जिम्मेदारी किसके पास है।
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डोनाल्ड ट्रंप की हमास को चेतावनी: हथियार डालने का दबाव

ट्रंप की कड़ी चेतावनी

वाशिंगटन: गाजा में शांति स्थापित करने के प्रयासों के अगले दिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकी संगठन हमास को स्पष्ट चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि हमास ने समझौते के अनुसार अपने हथियार नहीं डाले, तो अमेरिका उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करेगा, भले ही इसके लिए हिंसक तरीके का सहारा लेना पड़े।


प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप का बयान

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब ट्रंप से पूछा गया कि अगर हमास शांति प्रस्ताव की शर्तों का पालन नहीं करता है, तो अमेरिका का क्या कदम होगा? इस पर ट्रंप ने अपने विशेष अंदाज में कहा कि हमास को हथियार डालने होंगे। यदि वे स्वेच्छा से ऐसा नहीं करते हैं, तो अमेरिका उन्हें मजबूर करेगा।


हमास के साथ बातचीत का दावा

ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके करीबी सहयोगियों ने हमास के शीर्ष नेताओं से बातचीत की है और संगठन ने हथियार छोड़ने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा, 'मैंने हमास से कहा कि आप हथियार छोड़ने जा रहे हैं, और उन्होंने कहा कि 'यस सर, हम सब कुछ खत्म कर देंगे।' यदि वे फिर भी हथियार नहीं डालते हैं, तो अमेरिका सख्त कदम उठाएगा, जो कि हिंसक भी हो सकता है।


बंधकों की रिहाई की मांग

ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि हमास को सभी बंधकों को बिना शर्त रिहा करना होगा और मारे गए लोगों के शवों को भी लौटाना होगा।


शांति प्रक्रिया की जिम्मेदारी

रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप ने मध्य-पूर्व मामलों के लिए अपने विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ और दामाद जेरेड कुशनर को इस शांति प्रक्रिया का नेतृत्व करने का कार्य सौंपा है। बताया जा रहा है कि विटकॉफ और कुशनर ने ट्रंप की अनुमति से मिस्र के शर्म अल-शेख में हमास के नेताओं के साथ बातचीत की थी, जिसके बाद इस शांति प्रस्ताव का मार्ग प्रशस्त हुआ।