डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले पर चंद्रशेखर आजाद की कड़ी प्रतिक्रिया

ट्रंप का टैरिफ निर्णय
30 जुलाई 2025 को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माना लगाने का ऐलान किया, जो 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। इस निर्णय ने भारत में राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में तीव्र प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। उत्तर प्रदेश के नगीना से आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस घोषणा पर कड़ा रुख अपनाते हुए ट्रंप की नीतियों और बयानों की आलोचना की।
चंद्रशेखर आजाद की आलोचना
चंद्रशेखर आजाद ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “डोनाल्ड ट्रंप पागल हो गए हैं। मैं साफ-साफ कहता हूं कि वह हमारे मित्र नहीं हैं।” उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप का सम्मान बढ़ाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन अमेरिका ने बार-बार भारत का अपमान किया। आजाद ने ट्रंप के बयानों को भारत की संप्रभुता पर हमला करार देते हुए कहा, “अमेरिका ने बार-बार हमारे पीठ में छुरा घोंपा है।”
ट्रंप की भाषा और पाकिस्तान के प्रति रुख
चंद्रशेखर आजाद ने ट्रंप की भाषा और उनके पाकिस्तान के प्रति रुख पर विशेष रूप से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “ट्रंप जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें इसका कोई अधिकार नहीं है।” सांसद ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान युद्धविराम में ट्रंप की मध्यस्थता के दावों को भारत की सरकार को नीचा दिखाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा, “ट्रंप बार-बार कहते हैं कि उन्होंने सीजफायर कराया, जैसे भारत उनकी कठपुतली हो। वह पाकिस्तान पर प्यार लुटा रहे हैं, उनकी आर्थिक मदद कर रहे हैं और उसे हीरो की तरह पेश कर रहे हैं।”
भारत सरकार से सख्त कदम की मांग
आजाद समाज पार्टी के नेता ने भारत सरकार से इस मामले में सख्त रुख अपनाने की मांग की। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार को ट्रंप से स्पष्ट और कठोर शब्दों में बात करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे व्यापारियों, किसानों और छोटे उद्यमियों को इस टैरिफ का खामियाजा न भुगतना पड़े।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को अपनी आर्थिक और विदेश नीति में राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
वैकल्पिक बाजारों की ओर ध्यान
चंद्रशेखर ने यह भी सुझाव दिया कि भारत को वैकल्पिक बाजारों और व्यापारिक साझेदारियों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत एक विशाल बाजार है। हमें अमेरिका पर निर्भर रहने की बजाय अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाना चाहिए। हमारी सरकार को ऐसी रणनीति बनानी चाहिए, जो हमें आत्मनिर्भर बनाए और ट्रंप जैसे दबावों से मुक्त रखे।”