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डोनाल्ड ट्रंप के ताजा अपडेट: भारत के साथ व्यापार वार्ता और रूस-यूक्रेन शांति प्रयास

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत के साथ व्यापार वार्ता को स्थगित करने का निर्णय लिया है, जबकि रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के लिए त्रिपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा है। इस लेख में, हम इन घटनाओं के पीछे के कारणों और उनके संभावित प्रभावों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे ये घटनाएँ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं।
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डोनाल्ड ट्रंप के ताजा अपडेट: भारत के साथ व्यापार वार्ता और रूस-यूक्रेन शांति प्रयास

डोनाल्ड ट्रंप के चार महत्वपूर्ण अपडेट

डोनाल्ड ट्रंप अपडेट्स: हाल ही में चार प्रमुख घटनाक्रम सामने आए हैं, जिनमें टैरिफ विवाद, भारत के साथ व्यापार वार्ता, और रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के प्रयास शामिल हैं। सबसे पहले, भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद और व्यापार वार्ता पर चर्चा करते हैं। अमेरिका की टीम, जो द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए 25 अगस्त को भारत आने वाली थी, अब अपना दौरा स्थगित कर चुकी है।


राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार वार्ता को टालने का निर्णय बढ़ते व्यापारिक तनाव और अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के कारण लिया है। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को आकार देने के लिए अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन छठे दौर की वार्ता, जो 25-29 अगस्त के बीच होनी थी, फिलहाल स्थगित कर दी गई है। इसका असर भारत और अमेरिका के संबंधों पर पड़ सकता है।


त्रिपक्षीय वार्ता का प्रस्ताव

22 अगस्त को त्रिपक्षीय वार्ता चाहते हैं ट्रंप


15 अगस्त को पुतिन और ट्रंप के बीच अलास्का में एक बैठक हुई थी। अब 18 अगस्त को वाशिंगटन में ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात होने वाली है। इस बैठक से पहले, ट्रंप ने एक प्रस्ताव रखा है जिसमें उन्होंने 22 अगस्त को जेलेंस्की और पुतिन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता करने की इच्छा व्यक्त की है। यह प्रस्ताव ट्रंप ने जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ फोन पर बातचीत के बाद दिया है।


बातचीत के दौरान, ट्रंप ने जेलेंस्की को यह संदेश भी पहुंचाया कि रूस की मांग है कि युद्ध समाप्त करने के बदले यूक्रेन को पूर्वी क्षेत्र डोनेट्स्क का पूरा नियंत्रण रूस को सौंपना होगा। जेलेंस्की ने इस मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया और कहा कि वे कभी भी रूसी अधिग्रहण को स्वीकार नहीं करेंगे। यूरोपीय नेताओं ने भी जेलेंस्की के इस रुख का समर्थन किया है और वे रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।