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डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ से यूरोपीय देशों में हलचल

डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर से आयातित ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे यूरोपीय देशों में हलचल मच गई है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य वैश्विक कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन के लिए प्रेरित करना है। इसके परिणामस्वरूप, आयरलैंड, स्विट्जरलैंड और जर्मनी जैसे देशों को गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, भारतीय दवा कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है, जिससे भारतीय बाजार पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।
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डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ से यूरोपीय देशों में हलचल

अमेरिका के दवाओं पर टैरिफ का प्रभाव


आयरलैंड, स्विट्जरलैंड और जर्मनी का निर्यात प्रभावित होगा


फरवरी से सितंबर तक, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर कई देशों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद से, उनके निर्णयों ने कई देशों को वित्तीय समस्याओं का सामना करने पर मजबूर किया है।


ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ का ऐलान


ट्रंप ने 1 अक्टूबर से आयातित ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य वैश्विक कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन के लिए प्रेरित करना है, जो उनकी 'अमेरिका फर्स्ट मैन्युफैक्चरिंग' नीति का हिस्सा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, इस निर्णय का आयरलैंड, स्विट्जरलैंड और जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।


ये देश उच्च मूल्य वाली ब्रांडेड और पेटेंट दवाओं का निर्यात करते हैं, जबकि भारत का निर्यात मुख्य रूप से जेनेरिक दवाओं पर केंद्रित है। हालांकि, 'ब्रांडेड जेनेरिक्स' के संबंध में अनिश्चितता बनी हुई है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका में दवा निर्माण करने वाली कंपनियों और अमेरिका के साथ व्यापार समझौतों वाले देशों को इन नए टैरिफ से छूट मिलेगी। फिर भी, ट्रंप के इस कदम ने यूरोपीय देशों में चिंता बढ़ा दी है।


भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में गिरावट


ट्रंप के इस ऐलान के बाद भारतीय शेयर बाजार में फार्मा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। शुक्रवार को निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 2.3% की कमी आई। सन फार्मा के शेयर 5% गिरकर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए। बायोकोन के शेयरों में भी लगभग 3% की गिरावट आई। इसी तरह, अरबिंदो फार्मा, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, ल्यूपिन और सिप्ला के शेयरों में भी लगभग 2% की कमी आई। भारत का फार्मा निर्यात का एक तिहाई हिस्सा अमेरिका को जाता है, जिसमें ज्यादातर कम लागत वाली जेनेरिक दवाएं शामिल हैं।


वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका को निर्यात 20% बढ़कर लगभग 10.5 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। ट्रंप ने गुरुवार को नए टैरिफ की घोषणा की, जिसमें ब्रांडेड और पेटेंट दवाओं पर 100% और भारी ट्रकों पर 25% शुल्क लगाया गया है। यह 1 अक्टूबर से लागू होगा। मिडकैप इंडेक्स में 0.8% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.2% की गिरावट आई।