डोनाल्ड ट्रंप के बदलते सुर: भारत के साथ व्यापार संबंधों में नई उम्मीदें

ट्रंप का नया दृष्टिकोण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत के प्रति नजरिया अब बदल चुका है। उन्होंने हाल ही में एक बयान जारी किया, जिससे भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा कि उन्हें विश्वास है कि वाशिंगटन और दिल्ली के बीच व्यापार वार्ता सफल होगी। उन्होंने भारत के साथ अपनी मित्रता को लेकर सकारात्मकता व्यक्त की और कहा कि वह जल्द ही अपने मित्र मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं।
भारत पर नकारात्मक टिप्पणियाँ
हालांकि, ट्रंप के कुछ सलाहकार, जैसे पीटर नवारो, भारत के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियाँ कर रहे हैं। नवारो ने हाल ही में कहा कि कुछ देश अमेरिका का शोषण कर रहे हैं। ऐसे नेताओं के बयानों का जवाब देने के बजाय, भारत ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत की प्रमुख सरकारी तेल कंपनी ने हाल ही में अमेरिकी कच्चे तेल की खरीद से परहेज किया है।
नाइजीरिया से तेल खरीदने का निर्णय
भारत ने अमेरिका के बजाय नाइजीरिया से तेल खरीदने का निर्णय लिया है, जो कि ट्रंप और नवारो के लिए चौंकाने वाला हो सकता है। भारत ने अपने नवीनतम टेंडर में नाइजीरिया से दो मिलियन बैरल पश्चिम अफ्रीकी कच्चा तेल और एक मिलियन बैरल अन्य कच्चा तेल खरीदने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत की ऊर्जा आयात में विविधता लाने और पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आयात रणनीति में बदलाव
अमेरिका से तेल खरीदने में कमी लाना भारत की आयात रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। पहले, आईओसी ने अमेरिका से पांच मिलियन बैरल वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चा तेल खरीदा था। अब, भारत का रुख पश्चिमी अफ्रीकी तेल की ओर बढ़ रहा है, खासकर जब से उसने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रियायती दरों पर रूसी तेल का बड़ा खरीदार बन गया है।