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डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान-इजरायल संघर्ष में सीजफायर की घोषणा

डोनाल्ड ट्रंप ने 25 जून 2025 को ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले हवाई हमलों के बाद सीजफायर की घोषणा की। उन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों का जिक्र करते हुए चेतावनी दी कि यदि ईरान अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करता है, तो अमेरिका दोबारा हमला कर सकता है। इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने अमेरिका के दावों को खारिज किया है। जानें इस संघर्ष के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान-इजरायल संघर्ष में सीजफायर की घोषणा

सीजफायर की घोषणा

डोनाल्ड ट्रंप: 25 जून 2025 को, डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले हवाई हमलों के बाद सीजफायर की घोषणा की, जिसने मध्य पूर्व में अस्थायी शांति की स्थापना की। इस दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 21 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों—फोर्डो, नटांज और इस्फहान—को 'पूरी तरह से नष्ट' कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ईरान अपनी 'संवेदनशील गतिविधियों' को फिर से शुरू करता है, तो अमेरिका दोबारा हमला करने में संकोच नहीं करेगा।


खामेनेई की प्रतिक्रिया

ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने कतर में उनके सैन्य अड्डे को नष्ट कर दिया, जिसे उन्होंने 'अमेरिका के चेहरे पर एक तमाचा' बताया। ट्रंप ने खामेनेई की टिप्पणियों पर जल्द प्रतिक्रिया देने का आश्वासन दिया और उन दावों को खारिज किया कि ईरान के परमाणु स्थलों को उतना नुकसान नहीं हुआ जितना अमेरिका ने कहा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) या अन्य विश्वसनीय स्रोतों द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों के निरीक्षण का समर्थन किया।


नुकसान का आकलन

नुकसान पर विरोधाभास

अमेरिकी खुफिया एजेंसी की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेला, न कि पूरी तरह से नष्ट किया। वहीं, ट्रंप और उनके रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ ने कहा कि नुकसान 'विनाशकारी' था। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी स्वीकार किया कि परमाणु स्थलों को गंभीर क्षति पहुंची, लेकिन खामेनेई ने कहा कि कोई नुकसान नहीं हुआ। इज़रायली अधिकारियों का कहना है कि ईरान ने संवर्धित यूरेनियम को इस्फहान की भूमिगत सुरंगों में छिपा रखा है, जिसे बमबारी के बाद पहुंच से बाहर कर दिया गया।


यूरेनियम की चिंता

यूरेनियम की चिंता

इजरायल को चिंता है कि ईरान के पास अभी भी संवर्धित यूरेनियम हो सकता है, जिससे वह परमाणु हथियार बना सकता है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि हमले से पहले यूरेनियम को हटाया नहीं गया था। दूसरी ओर, इजरायल के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने एक न्यूज वेबसाइट को बताया कि इस्फहान की सुरंगों में हथियार-ग्रेड यूरेनियम मौजूद है। यदि ईरान इसे निकालने की कोशिश करता है, तो इज़रायल को इसकी जानकारी मिल सकती है।